मेदिनीपुर: अस्पताल में बच्चे को जन्म देने के बाद पांच महिलाओं की तबीयत बिगड़ी, एक की मौत, चार की हालत गंभीर

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Representative Image Image Source : META AI प्रतीकात्मक तस्वीर

पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में एक सरकारी अस्पताल में बच्चे को जन्म देने के बाद एक महिला की मौत हो गई और चार अन्य की हालत गंभीर है। अधिकारियों ने बताया कि मृतक महिला के परिजनों का आरोप है कि महिला को जो ‘रिंगर्स लैक्टेट’ (आरएल)’ दिया गया था वह ‘एक्सपायर’ (इस्तेमाल करने की अवधि समाप्त हो गई थी) हो चुका था और उसकी मौत इसी के कारण हुई। मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एमएमसीएच) में महिला की मौत के बाद शनिवार को वामपंथी दलों और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य केंद्र के बाहर प्रदर्शन किया। 

अधिकारियों ने बताया कि मृतका के परिजनों ने कोतवाली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि महिला की मौत के लिए अस्पताल प्रशासन जिम्मेदार है। उन्होंने बताया कि महिला ने बुधवार को बच्चे को जन्म दिया और उसकी शुक्रवार को मौत हो गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महिला की मौत और चार अन्य की हालत बिगड़ने के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए 13 सदस्यीय दल का गठन किया है। 

एक्सपायर दवाई देने का आरोप

राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया, "मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला की मौत हो गई और कुछ अन्य की हालत भी गंभीर है। परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि महिला को जो ‘रिंगर्स लैक्टेट’ (आरएल)’ दिया गया था वह ‘एक्सपायर’ (इस्तेमाल करने की अवधि समाप्त हो गई थी) हो चुका था। हमें मृतका के पति और चार अन्य मरीजों के परिवार के सदस्यों से शिकायतें मिली हैं। जांच शुरू कर दी गई है।" 'लैक्टेट रिंगर इंजेक्शन' का उपयोग कम रक्त मात्रा या निम्न रक्तचाप वाले रोगियों में पानी तथा 'इलेक्ट्रोलाइट' की कमी को पूरा करने के लिए किया जाता है। 

आरएल के सैंपल की होगी जांच

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ‘रिंगर्स लैक्टेट’ (आरएल) का नमूना एकत्र कर लिया गया है और उसकी रिपोर्ट का इंतजार है। उन्होंने कहा, "रिपोर्ट मिलने के बाद मामला स्पष्ट हो जाएगा।" अधिकारी ने बताया कि महिला का नवजात बच्चा अभी भी एमएमसीएच में भर्ती है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम आज सुबह अस्पताल पहुंची और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। प्रदर्शन के दौरान वामपंथी दलों और कांग्रेस के समर्थकों ने 13 सदस्यीय जांच दल से मिलने के लिए अस्पताल में प्रवेश करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने पोस्टर लहराए और राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए तथा आरोप लगाया कि महिला की मौत अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को महिला की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। स्वास्थ्य विभाग भी ममता बनर्जी ही संभालती हैं। (इनपुट- पीटीआई भाषा)

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