सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के आखिरी जनपद सोनभद्र में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मोमबत्ती का निर्माण कर रही हैं. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और देश की इकोनॉमी में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार सहयोग कर रही है. इस पहल से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है. कई महिलाएं इस काम को कर अपने घर का खर्च उठ रही हैं.
मोमबत्ती बनाने का काम कर रही महिलाएं
सोनभद्र जनपद की पिछड़ी महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह से जुड़कर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया है. वे समूह में मिलकर नए-नए आइडिया से बिजनेस प्लान तैयार कर रही हैं. अपने घर के नजदीक कुछ ही घंटों का काम करके महिलाएं अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. कई महिलाएं मोमबत्ती निर्माण को रोजगार का जरिया बना रही हैं. इस कार्य से वे आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ दूसरों के घरों को भी रोशन कर रही हैं.
2 से 2.5 हजार की कर रही कमाई
समूह में काम करने वाली महिलाओं ने बताया कि मोमबत्ती बनाने के लिए वे बाजार से लगभग 8 हजार रुपये का सामग्री खरीदती हैं. इसके बाद सैकड़ों महिलाएं मिलकर उसे सांचे में ढालकर मोमबत्ती बनाती हैं. यह काम महिलाएं प्रतिदिन केवल 3 से 4 घंटे करती हैं, जिससे वे अपने परिवार का पालन-पोषण करने के साथ-साथ करीब दो से ढाई हजार रुपये तक कमा लेती हैं. महिलाओं ने आगे बताया कि समूह के माध्यम से वे विभिन्न स्थानों पर स्टॉल लगाकर भी अपने सामान को बेचती हैं, जिससे उन्हें ज्यादा से ज्यादा लोगों से जुड़ने का मौका मिलता है.
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इस वजह से खास हैं मोमबत्ती
इस संबंध में LOCAL 18 से खास बातचीत में एनआरएलएम कार्यालय के जिला प्रबंधक एम.जी. रवि ने बताया कि जनपद सोनभद्र में कई महिलाएं समूह से जुड़ी हुई हैं. लेकिन इन महिलाओं द्वारा बनाई गई मोमबत्तियां खास हैं, क्योंकि इनकी डिजाइनर मोमबत्तियां बाजार में हर जगह नहीं मिलती और इनकी बिक्री भी काफी अच्छी हो रही है.
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FIRST PUBLISHED :
October 12, 2024, 10:28 IST