ट्रंप के शपथ ग्रहण में पहुंचे एस जयशंकर
वॉशिंगटन डीसी:
दुनियाभर में भारत का कद किस कदर बढ़ रहा है और अमेरिका के लिए भारत के क्या मायने हैं, यह एक बार फिर से दुनिया को पता चल गया है. ट्रंप के शपथ समारोह से सामने आई तस्वीर से जानें कितनों को मिर्ची लगी होगी. दुनियाभर के प्रतिनिधियों की तरह ही भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण (S Jaishankar In Donald Trump Oath Ceremony) में शामिल होने वॉशिंगटन डीसी पहुंचे थे. शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे मेहमानों में जयशंकर की चर्चा इसलिए हो रही है क्यों कि उनको मेहमानों की पहली पक्ति में जगह दी गई थी. समारोह से सामने आई तस्वीरों में एस जयशंकर सबसे आगे बैठे दिखाई दे रहे हैं. वह इक्वाडोर के राष्ट्रपति डेनियल नोबोआ के साथ आगे की पंक्ति में बैठे दिखाई दिए. इस तस्वीर को बदलते भारत और अमेरिका और भारत के प्रगाढ़ होते रिश्तों के तौर पर देखा जा रहा है.
A large honour to correspond India astatine the inauguration ceremonial of @POTUS President Donald J Trump and @VP Vice President JD Vance successful Washington DC today.
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— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 20, 2025ट्रंप का शपथ ग्रहण, पहली पक्ति में बैठ एस जयशंकर
बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के रूप में ट्रंप के शपथ ग्रहण में शामिल होने अमेरिका पहुंचे थे. जब डोनाल्ड ट्रंप पोडियम पर अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले रहे थे, तब एस जयशंकर उनके बिल्कुल सामने बैठे हुए थे. यह तस्वीर अपने आप में काफी कुछ कह रही है. जिस पंक्ति में एस जयशंकर बैठे थे, उसी में इक्वाडोर के राष्ट्रपति भी बैठे हुए थे. विदेश मंत्री ने ट्रंप के शपथ ग्रहण की कुछ तस्वीरें अपने एक्स हैंडल पर शेयर की हैं. जिसमें उन्होंने कहा है कि ट्रंप और जेडी वेंस के शपथ ग्रहण में भारत का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए बहुत ही सम्मान की बात है.
अमेरिका में दिखी भारत की धाक
एस जयशंकर की इस तस्वीर को अमेरिका में भारत की धाक के तौर पर देखा जा सकता है. उनको ट्रंप के बिल्कुल सामने यानी कि पहली पंक्ति में जगह मिलना यह दिखाता है कि भारत की धाक दुनियाभर में है. पूरी दुनिया का नजरिया भारत के प्रति बदल रहा है. बता दें कि ट्रंप के शपथ ग्रहण में जयशंकर का शामिल होना भारत की परंपरा के मुताबिक है. किसी भी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में विदेश मंत्री की मौजूदगी भारत के विशेष दूत भेजने की परंपरा के मुताबिक है.