Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:January 21, 2025, 12:32 IST
Chitrakoot Kamdagiri Mountains: चित्रकूट के कामदगिरि पर्वत पर 22 जनवरी को एक ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है. यह आयोजन भगवान श्री राम के अयोध्या में विराजमान होने के ऐतिहासिक पल को याद करते हुए मनाया जाएगा. कामदग...और पढ़ें
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चित्रकूट: धर्म नगरी चित्रकूट स्थित पवित्र कामदगिरि पर्वत पर 22 जनवरी 2025 को एक ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है. यह आयोजन विशेष रूप से उस ऐतिहासिक पल को याद करते हुए किया जाएगा. जब भगवान श्री राम अयोध्या में विराजमान हुए थे और विपिन विराट महाराज ने चित्रकूट में कामदगिरि पर्वत की आरती की थी.
इस महत्वपूर्ण पल को एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में भव्य झांकी और पंचकोसी परिक्रमा का आयोजन किया जाएगा. जो धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा. अगर आप भी इस पल को अपने आंखों से देखना चाहते हैं, तो 22 जनवरी को कामदगिरि महाआरती स्थल में पहुंचकर आप इस भव्य नजारे को देख सकते हैं.
भव्य झांकी का आयोजन
बता दें कि इस आयोजन के दौरान भगवान श्री राम, लक्ष्मण और माता जानकी की झांकी हाथी-घोड़ों के साथ धूमधाम से निकाली जाएगी. कामदगिरि पर्वत की पंचकोसी परिक्रमा में श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब उमड़ेगा. यह परिक्रमा श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक और धार्मिक अनुभव होगी जो उन्हें अपनी आस्था को प्रगाढ़ करने का अवसर प्रदान करेगी. इस आयोजन में एक विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया है, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए 50 कुंतल बूंदी और बंदरों के लिए 25 कुंतल गुलगुला विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है.
कामदगिरि महाआरती अध्यक्ष ने दी जानकारी
वहीं, कामदगिरि महाआरती के अध्यक्ष विपिन विराट महाराज ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि यह भंडारा सभी श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा, जिससे भक्तों को शांति और आशीर्वाद प्राप्त होगा. उन्होंने आगे बताया कि कामदगिरि पर्वत लगभग डेढ़ अरब वर्ष पुराना है. लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने इसके ऐतिहासिक महत्व पर शोध किया है.
यह पर्वत धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अद्वितीय है. विपिन विराट महाराज ने यह भी बताया कि जब भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास पर निकले थे. तब उन्होंने कामदगिरि पर्वत पर 11 साल, 11 महीने और 11 दिन बिताए थे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सतयुग में यहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश आए थे. त्रेता युग में भगवान राम-सीता और द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने इस पवित्र स्थान पर आकर इसकी महानता को नमन किया.
Location :
Chitrakoot,Uttar Pradesh
First Published :
January 21, 2025, 12:32 IST