डॉक्टर साहब, हो जाइए तैयार! अब आसानी से बन सकते हैं मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर

3 hours ago 1

Last Updated:January 21, 2025, 15:54 IST

Medical College Professor Eligibility: मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर के तौर पर काम करने के इच्छुक डॉक्टरों के लिए बड़ी खबर है. नेशनल मेडिकल कमीशन ने मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर और असोसिएट प्रोफेसर की पात्रत...और पढ़ें

डॉक्टर साहब, हो जाइए तैयार! अब आसानी से बन सकते हैं मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर

Medical College Professor Eligibility: मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर बनने की राह आसान कर दी गई है

नई दिल्ली (Medical College Professor Eligibility). बीते कुछ सालों में भारत में मेडिकल कॉलेज बहुत तेजी के साथ बढ़े हैं. इसके साथ ही मेडिकल स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए फैकल्टी की डिमांड भी बढ़ गई है. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए योग्यता संबंधी नियमों में कुछ जरूरी बदलाव किए हैं (Medical Education). सभी मेडिकल कॉलेजों को नए नियमों का पालन अनिवार्यता से करना होगा.

मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर या असोसिएट प्रोफेसर बनने के लिए पात्रता मापदंड में बदलाव किया गया है. एनएमसी के नए दिशा-निर्देशों का उद्देश्य देश में बढ़ती मेडिकल कॉलेजों की संख्या के बीच शिक्षकों की कमी को दूर करना है. अब न्यूनतम या बिना टीचिंग के अनुभव वाले डॉक्टर भी कुछ शर्तों के तहत मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर बन सकते हैं. नेशनल मेडिकल कमीशन की ऑफिशियल वेबसाइट nmc.org.in पर सब डिटेल्स चेक कर सकते हैं.

NMC Guidelines for Professor Bharti: एनएमसी ने बदले प्रोफेसर बनने के नियम
एनएमसी के नए नियमों ने मेडिकल कॉलेज में शिक्षण पदों पर भर्ती के लिए कई रास्ते खोल दिए हैं. इस तरह के बदलावों से न सिर्फ मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि उन डॉक्टरों के लिए भी बेहतर अवसर प्रदान होंगे, जो क्लिनिकल प्रैक्टिस के अनुभव के साथ शिक्षण में आना चाहते हैं. इसका मतलब है कि जिन डॉक्टरों के पास टीचिंग का अनुभव नहीं है, नए नियमों के लागू होने के बाद वो भी मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी के तौर पर जॉइन कर सकेंगे.

Assistant Professor Eligibility: मेडिकल कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के लिए पात्रता
220-बेड वाले सरकारी अस्पतालों (शैक्षणिक या गैर-शैक्षणिक) में 4 साल तक सलाहकार (कंसल्टेंट), विशेषज्ञ (स्पेशलिस्ट) या चिकित्सा अधिकारी (मेडिकल ऑफिसर) के रूप में कार्यरत रह चुके डॉक्टर अब सहायक प्रोफेसर बन सकते हैं.

Associate Professor Eligibility: मेडिकल कॉलेज में सहयोगी प्रोफेसर के लिए पात्रता
10 साल के अनुभव वाले डॉक्टर मेडिकल कॉलेज में सहयोगी प्रोफेसर बनने के लिए पात्र होंगे. किसी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत डिप्लोमा धारक सीनियर रेजिडेंट (Senior Residents) सहायक प्रोफेसर के रूप में प्रमोट होने के योग्य माने जाएंगे.

पीजी शिक्षक और डिप्लोमा धारकों के लिए क्या है नियम?
पीजी शिक्षक (PG Teachers): नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज द्वारा अप्रूव्ड डिप्लोमा कोर्सेस के पीजी शिक्षक, 3 साल का टीचिंग अनुभव पूरा करने के बाद प्रोफेसर बन सकते हैं.

डिप्लोमा धारक सीनियर रेजिडेंट (Senior Residents): जो सीनियर रेजिडेंट डिप्लोमा धारक हैं और अपने संस्थान में कार्यरत हैं, वे सीधे सहायक प्रोफेसर के पद पर प्रमोशन हासिल कर सकते हैं.

First Published :

January 21, 2025, 15:54 IST

homecareer

डॉक्टर साहब, हो जाइए तैयार! अब आसानी से बन सकते हैं मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article