Last Updated:January 21, 2025, 15:57 IST
दिल्ली में बीजेपी अब हिमंत बिस्वा सरमा के फार्मूले को आजमाने जा रही है. वही फार्मूला जिसके दम पर हिमंत असम की सत्ता पर काबिज हैं.
दिल्ली जीतने के लिए बीजेपी हर आजमाया हुआ फार्मूला इस्तेमाल कर रही है. जिस फार्मूले से हिमंत बिस्वा सरमा ने असम में शानदार जीत दर्ज की और बीजेपी के ‘पोस्टर बॉय’ बन गए, अब उसी फार्मूले को बीजेपी दिल्ली में लागू करने का संकेत दे रही है. असम चुनाव से पहले हिमंत बिस्वा सरमा ने वादा किया था कि वे किसी भी बांग्लादेश को खुले में घूमने नहीं देंगे. उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखेंगे. अब बीजेपी के नेता भी यही बात करने लगे हैं.
दिल्ली बीजेपी के नेता और कालकाजी से उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने वादा किया कि दिल्ली में सरकार बनते ही 30 दिन के अंदर डिटेंशन सेंटर बनाए जाएंगे. इन डिटेंशन सेंटर में सभी घुसपैठियों और रोहिंग्या को रखा जाएगा. आम आदमी पार्टी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, आप नेताओं ने रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के आधार कार्ड और राशन कार्ड बनवाएं हैं. इसकी जांच होनी चाहिए. सरकार बनते ही हम डिटेंशन सेंटर बनाएंगे, इन सबको वहां भेजा जाएगा. राशन कार्ड और आधार कार्ड की जांच के लिए एक कमेटी भी बनाई जाएगी. जिन लोगों ने भी उन्हें फायदा पहुंचाया है, सबको जेल भेजेंगे. सांसद मनोज तिवारी ने भी कहा कि आम आदमी पार्टी अवैध घुसपैठियों का समर्थन करती है. बांग्लादेशी और रोहिंग्या दिल्ली की सुरक्षा के लिए खतरा हैं.
इतना बड़ा मुद्दा क्यों?
बीजपी का दावा है कि दिल्ली में हजारों की संख्या में अवैध बांग्लादेशी रह रहे हैं. ये लोग स्थानीय लोगों की रोजी रोटी छीन रहे हैं. इनकी वजह से तमाम लोगों को नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं. अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या की वजह से दिल्ली में लूटमार और चोरी की घटनाएं हो रही हैं. दिल्ली वालों की सुरक्षा खतरे में है. कई मुस्लिम संगठनों ने भी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इसके बाद एलजी ने पुलिस को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. ढूंढ-ढूंढकर इनके वोट काटे गए हैं.
हिमंता कैसे निपटे
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चुनाव से पहले ऐलान कर दिया कि वे किसी भी बांग्लादेशी को नहीं रहने देंगे. सरकार बनते ही उन्होंने ऐसे लोगों को ढूंढ ढूंढकर डिटेंशन सेंटर में डलवा दिया. वैसे तो असम में साल 2012 में तीन जेलों के अंदर ही डिटेंशन सेंटर बनाया गया था. ये डिटेंशन सेंटर गोलपाड़ा, कोकराझार और सिलचर के ज़िला जेलों के अंदर बनाया गया था. लेकिन हिमंता के आने के बाद ऐसे कई सेंटर बनाए गए हैं, जहां लोगों को पकड़ पकड़कर रखा जाता है. ये तब तक वहां रखे जाते हैं, जब तक कि ये अपनी नागरिकता साबित न कर दें. नागरिकता साबित होने के बाद इन्हें इनके देश भेज दिया जाता है.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
January 21, 2025, 15:57 IST