आज का पंचांग, 22 नवंबर 2024: आज काल भैरव जयंती है. आज के दिन मार्गशीर्ष कृष्ण सप्तमी तिथि, अश्लेषा नक्षत्र, ब्रह्म योग, बव करण, पश्चिम का दिशाशूल और कर्क राशि में चंद्रमा है. काल भैरव जयंती के दिन रवि योग बना है. रवि योग सुबह 6 बजकर 50 मिनट से है. रवि योग में भगवान भास्कर का प्रभाव अधिक होता है, इस वजह से सभी प्रकार के दोष मिट सकते हैं. अगहन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है. इस दिन रुद्रावतार काल भैरव की उत्पत्ति हुई थी. काल भैरव जयंती पर काल भैरव की पूजा विधि विधान से करें. उनको हलवा, खीर, मीठे पुए) जलेबी, फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची आदि का भोग लगा सकते हैं. काल भैरव के मंत्रों का जाप करने से रोग, दोष आदि से मुक्ति मिलती है. काल भैरव को तंत्र मंत्र का देवता भी कहा जाता है. उनकी कृपा से तंत्र-मंत्र का दुष्प्रभाव दूर हो जाता है.
आज काल भैरव जयंती के अलावा शुक्रवार व्रत भी है. इसमें माता लक्ष्मी की पूजा का महत्व है. शाम के समय में देवी लक्ष्मी की पूजा लाल गुलाब, कमल पुष्प, अक्षत्, लाल सिंदूर, पीली कौड़ियां, शंख, कमलगट्टा, बताशे, दूध से बनी सफेद मिठाई आदि अर्पित करके करते हैं. माता लक्ष्मी को मखाने की खीर का भोग लगाना चाहिए. पूजा के समय कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें. लक्ष्मी कृपा से आपके धन, वैभव, सुख, समृद्धि आदि में बढ़ोत्तरी होगी. शुक्रवार को शुक्र ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें. शुक्र से जुड़ी वस्तुओं जैसे सफेद कपड़ा, इत्र, सौंदर्य सामग्री आदि का दान करें. इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होगी. कुंडली का शुक्र दोष दूर होगा. पंचांग से जानते हैं आज का सूर्योदय, शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय, रवि योग, राहुकाल, दिशाशूल, चौघड़िया समय आदि.
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आज का पंचांग, 22 नवंबर 2024
आज की तिथि- सप्तमी – 06:07 पी एम तक, फिर अष्टमी
आज का नक्षत्र- अश्लेषा – 05:10 पी एम तक, उसके बाद मघा
आज का करण- बव – 06:07 पी एम तक, फिर बालव – पूर्ण रात्रि तक
आज का योग- ब्रह्म – 11:34 ए एम तक, उसके बाद इंद्र
आज का पक्ष- कृष्ण
आज का दिन- शुक्रवार
चंद्र राशि- कर्क – 05:10 पी एम तक, उसके बाद सिंह
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 06:50 ए एम
सूर्यास्त- 05:25 पी एम
चन्द्रोदय- 11:41 पी एम
चन्द्रास्त- 12:35 पी एम
काल भैरव जयंती के मुहूर्त और शुभ योग
ब्रह्म मुहूर्त: 05:02 ए एम से 05:56 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 11:46 ए एम से 12:28 पी एम
विजय मुहूर्त: 01:53 पी एम से 02:35 पी एम
अमृत काल: 03:27 पी एम से 05:10 पी एम
गोधूलि मुहूर्त: 05:22 पी एम से 05:49 पी एम
रवि योग: 06:50 ए एम से 05:10 पी एम
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दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
शुभ-उत्तम: 06:49 ए एम से 08:08 ए एम
अमृत-सर्वोत्तम: 01:26 पी एम से 02:46 पी एम
चर-सामान्य: 10:47 ए एम से 12:07 पी एम
लाभ-उन्नति: 12:07 पी एम से 01:26 पी एम
शुभ-उत्तम: 04:06 पी एम से 05:25 पी एम
रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
चर-सामान्य: 07:06 पी एम से 08:46 पी एम
लाभ-उन्नति: 12:07 ए एम से 01:48 ए एम, नवम्बर 22
अमृत-सर्वोत्तम: 05:25 पी एम से 07:06 पी एम
शुभ-उत्तम: 03:28 ए एम से 05:09 ए एम, नवम्बर 22
अमृत-सर्वोत्तम: 05:09 ए एम से 06:50 ए एम, नवम्बर 22
अशुभ समय
राहुकाल- 10:48 ए एम से 12:07 पी एम
गुलिक काल- 08:09 ए एम से 09:28 ए एम
यमगण्ड- 02:46 पी एम से 04:05 पी एम
दुर्मुहूर्त- 08:57 ए एम से 09:39 ए एम, 12:28 पी एम से 01:11 पी एम
दिशाशूल- पश्चिम
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रुद्राभिषेक के लिए शिववास
श्मशान में – 06:07 पी एम तक, उसके बाद गौरी के साथ.
Tags: Astrology, Dharma Aastha, Kaal Bhairav
FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 05:32 IST