Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:February 07, 2025, 17:10 IST
Bikaner Textile Manufacturing: बीकानेर में इन दिनों राजपूती और कॉटन सहित फैब्रिक कपड़ों पर प्रिंटिंग और कड़प करने का काम जोरों से चल रहा है. बीकानेर के 400 से अधिक कारखाने में यह कारोबार फल-फूल रहा है. बीकानेर ...और पढ़ें
बीकानेर में इन दिनों राजपूती कपड़ों और कॉटन फैब्रिक कपड़ों पर प्रिंटिंग और कड़प
हाइलाइट्स
- बीकानेर में 400 से अधिक कपड़ा कारखाने हैं.
- राजपूती और कॉटन कपड़ों की प्रिंटिंग प्रसिद्ध है.
- कपड़ों की देश-विदेश में भारी मांग है.
बीकानेर. मौसम बदलते ही पहनावे में भी परिवर्तन आता है. राजपूती परिधानों और कॉटन फैब्रिक कपड़ों की डिमांड बढ़ने लग गई है. बीकानेर में इन दिनों राजपूती कपड़ों और कॉटन फैब्रिक कपड़ों पर प्रिंटिंग और कड़प करने का काम जोरों से चल रहा है. यहां राजपूती कपड़ों और कॉटन फैब्रिक कपड़ों की प्रिंटिंग और कड़प के बाद देश सहित विदेशों में इसकी सप्लाई की जाती है. यहां राजपूती कपड़ों और कॉटन को इतनी सुंदर डिजाइन किया जाता है कि इनकी सप्लाई विदेशों तक होती है.
बीकानेर में है 400 से अधिक कारखाने
मो. रमजान रंगरेज ने बताया कि बीकानेर में सबसे पहले सफेद रंग का कॉटन का कपड़ा आता है. फिर उसको साफ कर लहरिया डिजाइन किया जाता है. इसको अलग-अलग रंग की डिजाइन की जाती है. बीकानेर में करीब 400 से अधिक कारखाने है. यहां से पूरे राजस्थान के अलावा देश और विदेश में राजपूती ड्रेस और लहरिया भेजा जाता है. इन कारखानों में हजारों मजदूर को रोजगार मिल रहा है. यहां रोजाना लाखों की संख्या में कपड़ों की रंगाई और छपाई की जाती है. एक कपड़े को तैयार करने में दो दिन का वक्त लग जाता है.
बीकानेर के कपड़ों की प्रिंट विश्व में है प्रसिद्ध
बीकानेर शहर के मोहतासराय, गंगा शहर, लाल गुफा के पास इनके प्रिंटिंग के कई कारखाने हैं, जहां पर सुबह से शाम तक कपड़ों पर प्रिंटिंग का काम चलता है. यहां कपड़ों की प्रिंटिंग पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. यहां रोजाना 150 से 200 कपड़ों पर प्रिंटिंग का काम होता है. यहां काम करने वाले एक शख्स ने नाम नहीं बताते हुए कहा कि पहले यह काम जयपुर और जोधपुर में होता था, लेकिन वहां कारखाने शहर से दूर चले गए और कई बंद हो गए, जिससे वहां का काम अब बीकानेर शिफ्ट हो गया. यहां प्रिंटिंग के कारखाने आज भी शहर के पास हैं. जिससे यह काम लगातार बढ़ता जा रहा है.
कपड़े सुखाने पर मिल जाती है अच्छी मजदूरी
बीकानेर में कपड़ों पर प्रिंटिंग होने के बाद जयपुर और जोधपुर भेज दिया जाता है. एक कारखाने में 8 से 10 लोग काम करते है. यहां फूल-पत्ती सहित कई तरह की डिजाइन की जाती है. वहीं प्रिंटिंग के बाद कपड़ों को सुखाया जाता है और कड़ाप की जाती है. इन इलाकों में कई लोग तो कपड़ों को सड़क पर ही सुखा देते हैं. जिससे ऐसा लगता है मानो रेड कार्पेट बिछा हो. यहां सड़कों पर कपड़े सुखाने वाली सबनम बानो ने बताया कि हमें तो सिर्फ कपड़े सुखाने और कड़प करवाने के लिए रोजाना 400 से 500 रुपए मजदूरी दी जाती है. वे बताती हैं कि शहर में जगह नहीं मिलने से सड़क पर या सड़क किनारे ही इन कपड़ों को सुखाया जाता है.
Location :
Bikaner,Rajasthan
First Published :
February 07, 2025, 17:06 IST