Last Updated:February 12, 2025, 16:02 IST
What is Loan Transfer : रेपो रेट घटने के बाद ज्यादातर लोग अपने लोन की ब्याज दरें और ईएमआई घटने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. लेकिन, कुछ बैंकों ने अभी तक ब्याज दरों में कटौती नहीं की है और ऐसे ग्राहकों के लिए बैल...और पढ़ें
![रेपो रेट में कटौती लेकिन आपके बैंक ने नहीं घटाया ब्याज, कैसे कम करें अपनी EMI रेपो रेट में कटौती लेकिन आपके बैंक ने नहीं घटाया ब्याज, कैसे कम करें अपनी EMI](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/02/loan-transfer-2025-02-255627d8ada54e984a5b3ac868e3b353.jpg?impolicy=website&width=640&height=480)
ईएमआई घटाने के लिए लोन बैलेंस ट्रांसफर किया जा सकता है.
हाइलाइट्स
- रेपो रेट में 0.25% की कटौती की गई.
- कुछ बैंकों ने ब्याज दरें नहीं घटाईं.
- लोन बैलेंस ट्रांसफर से EMI कम हो सकती है.
नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ने लंबे अंतराल के बाद आखिरकार रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर दी है. इसके साथ ही बैंकों के खुदरा कर्ज जैसे होम, ऑटो और पर्सनल लोन की ब्याज दरें भी कम हो गई हैं. आरबीआई के इस कदम के बाद ज्यादातर बैंकों ने अपने लोन की ब्याज दरों को भी घटाना शुरू कर दिया है. बावजूद इसके अगर आपके बैंक ने ब्याज दरों में कटौती नहीं की है तो भी ईएमआई कम करने के ऑप्शन मौजूद हैं.
दरअसल, आजकल बैंकों के ज्यादातर लोन की ब्याज दरें आरबीआई के रेपो रेट जैसे बाहरी बेंचमार्क से जुड़े हैं. लिहाजा रेपो रेट में कटौती के साथ ही बैंकों की ब्याज दरों में भी गिरावट आती है. यही कारण है कि रेपो रेट घटने के साथ खुदरा कर्ज भी सस्ता हो जाता है और आपकी ईएमआई भी घट जाती है. हालांकि, कुछ बैंकों ने अपनी ब्याज दरों में कटौती नहीं की है, इन बैंकों से लोन लेने वाले ग्राहक चाहें तो अपने लोन को स्विच करके या बैलेंस ट्रांसफर के जरिये ब्याज दरें कम कर सकते हैं.
क्या है लोन बैलेंस ट्रांसफर
अगर आपका मौजूदा बैंक ज्यादा ब्याज पर लोन चला रहा है तौ आप किसी ऐसे बैंक की तलाश कर सकते हैं, जिसकी ब्याज दरें कम हैं. ऐसे में आप अपने लोन की बची हुई राशि को नए बैंक में ट्रांसफर करके काफी पैसा बचा सकते हैं. इसी प्रक्रिया को लोन बैलेंस ट्रांसफर कहते हैं. आजकल ज्यादातर बैंक यह सुविधा दे रहे हैं. लोन बैलेंस ट्रांसफर के तहत ग्राहक को नया बैंक कम ब्याज का ऑफर देता है, जिससे उन्हें ईएमआई घटाने में भी मदद मिलती है.
क्या होता है इससे फायदा
लोन बैलेंस ट्रांसफर के ज्यादातर मामलों में दूसरा बैंक कम ब्याज दरें ऑफर करता है, जिससे ईएमआई घटाने में मदद मिलती है. मान लीजिए आपका 30 लाख रुपये का होम लोन 9.50 फीसदी ब्याज पर चल रहा है. आपने कम ब्याज यानी 8.50 फीसदी ऑफर वाले बैंक में इसका बैलेंस ट्रांसफर करा लिया है तो ब्याज दर में 1 फीसदी कटौती हो जाएगी. अगर आपने 20 साल के लिए लोन लिया था तो पुरानी ब्याज दर के हिसाब से 27,964 रुपये ईएमआई चुका रहे थे और ब्याज के रूप में कुल 37,11,345 रुपये चुकाने होंगे. वहीं, बैलेंस ट्रांसफर के बाद ब्याज दर 8.5 फीसदी हो जाएगी और ईएमआई घटकर 26,035 रुपये पर आ जाएगी. इस तरह, करीब 2 हजार रुपये की बचत होगी, जो सालाना करीब 24 हजार रुपये और ब्याज के रूप में भी 32,48,327 रुपये ही देने होंगे, जो करीब 4.5 लाख रुपये की बचत कराएगा.
कब मिलता है फायदा
एक ग्राहक को बैलेंस ट्रांसफर कराते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. सबसे जरूरी बात तो ये है कि अपना सिबिल स्कोर मजबूत रखना चाहिए, ताकि दूसरा बैंक आपको कम ब्याज दर पर लोन ट्रांसफर का ऑफर दे. इसके अलावा बैलेंस ट्रांसफर के लिए कई बैंक शुल्क भी वसूलते हैं, लिहाजा आपको अपने नफा-नुकसान का आकलन करने के बाद ही इसका फैसला करना चाहिए. बैलेंस ट्रांसफर का फायदा आपको लोन के शुरुआती चरण में ही मिलता है, जब बैंक आपकी ईएमआई में ज्यादातर हिस्सा ब्याज दर के रूप में वसूलते हैं.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 12, 2025, 16:02 IST