Last Updated:February 07, 2025, 09:01 IST
Kameshwar Choupal: कामेश्वर चौपाल को 2020 में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में बिहार से भाजपा नेता कामेश्वर चौपाल को शामिल किया गया था. कामेश्वर चौपाल ही वह शख्स हैं, जिन्होंने रोटी के साथ र...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- 1989 में राम मंदिर निर्माण के लिए रखी जा रही आधारशिला में कामेश्वर चौपाल ने पहली ईंट रखी थी.
- कामेश्वर चौपाल ने रोटी के साथ राम का नारा दिया था.
- कामेश्वर चौपाल 2004 से 2014 तक एमएलसी रहे.
पटनाः राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और और पूर्व बिहार विधान परिषद के सदस्य कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया. कामेश्वर चौपाल का राम आंदोलन से लेकर अब तक अयोध्या से लगाव रहा है. कामेश्वर चौपाल राजनीति में भी लंबे समय तक सक्रिय रहे. 2004 से लेकर 2014 तक वो एमएलसी रहे. हालांकि इस दौरान कई बार उन्होंने चुनाव भी लड़ा लेकिन खास सफलता नहीं मिल पाई. यहां तक की उन्होंने दिवंगत नेता रामविलास पासवान के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ता है. कामेश्वर चौपाल को 2020 में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में बिहार से भाजपा नेता कामेश्वर चौपाल को शामिल किया गया था. संघ ने कामेश्वर चौपाल के पहला कार सेवक का दर्जा दिया था.
कामेश्वर चौपाल ने दिया था रोटी के साथ राम का नारा
कामेश्वर चौपाल ही वह शख्स हैं, जिन्होंने रोटी के साथ राम का नारा दिया था. 1989 में 9 नवंबर को राम मंदिर निर्माण के लिए हुए शिलान्यास कार्यक्रम में कामेश्वर चौपाल ने ही पहली ईंट रखी थी. कामेश्वर चौपाल वहां विश्व हिंदू परिषद के बिहार के सह संगठन मंत्री के नाते अयोध्या में मौजूद थे. तब पहले से तय किए गए फैसलों के मुताबिक धर्मगुरुओं ने कामेश्वर चौपाल को शिलान्यास के लिए पहली ईंट रखने को कहा था. हालांकि चौपाल इस बात से बिल्कुल अनजान थे. उस वक्त कामेश्वर चौपाल ने बताया था कि हालांकि उन्हें इस बात की जानकारी थी कि धर्मगुरुओं ने किसी दलित से ईंट रखवाने का फैसला लिया है. लेकिन वे खुद होंगे, यह उनके लिए संयोग रहा. शिलान्यास कार्यक्रम में ईंट रखने के बाद से कामेश्वर चौपाल का नाम पूरे देश में छा गया.
मधुबनी से हुई थी कामेश्वर चौपाल की पढ़ाई-लिखाई
बता दें, कामेश्वर चौपाल ने अपनी पढ़ाई-लिखाई मधुबनी जिले से की थी. यहीं वे संघ के संपर्क में आए थे. उनके एक अध्यापक संघ के कार्यकर्ता हुआ करते थे. संघ से जुड़े उसी अध्यापक की मदद से कामेश्वर को कॉलेज में दाखिला मिला था. स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही वे संघ के प्रति पूरी तरह से समर्पित हो चुके थे. इसके बाद उन्हें मधुबनी जिले का जिला प्रचारक बना दिया गया था.
First Published :
February 07, 2025, 09:01 IST