Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:February 06, 2025, 13:00 IST
Agriculture Tips: तकनीक आधारित खेती किसानों के लिए वरदान से कम नहीं है इससे किसान को अच्छी कमाई भी हो रही है. वहीं लतदार सब्जी की खेती में भी अब नई तकनीक आ गई है. इसे 2जी और 3जी कहा जाता है. इस तकनीक को अपनाकर ...और पढ़ें
उन्नत खेती के लिए'2जी' और '3 जी' कटिंग का उपयोग करे
हाइलाइट्स
- 2जी और 3जी तकनीक से लतदार सब्जियों का उत्पादन बढ़ाएं.
- 30-35 दिन पुराने पौधों पर 2जी और 3जी तकनीक अपनाएं.
- इस तकनीक से फसल की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होता है.
सीकर. खेती में अच्छे उत्पादन के लिए नई तकनीक अपनाना बहुत जरूरी है. खेती में उन्नत तकनीक को अपनाकर किसान सालाना लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं. खेती-किसानी में हर दिन नई तकनीकें आ रही है, जो उत्पादन को बढ़ाने और बेहतर गुणवत्ता प्राप्त करने में मदद करती है. आज हम आपको खेती की एक ऐसी तकनीक के बारे में बताएंगे इसके उपयोग से आपएक फसल में ही अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. मुख्य रूप से अधिकांश उन्नत किसान 2जी और 3 जी कटिंग का उपयोग कर रहे हैं. इसका उपयोग अभी लौकी की खेती में किया जा रहा है.
यह तकनीक ना केवल उत्पादन बढ़ाने में सहायक है, बल्कि फसल की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाती है. यह तकनीक किसानों के लिए आसान, सस्ती और प्रभावी है. यदि किसान इसे अपनाते हैं, तो वे अपनी फसल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार कर सकते हैं. नई तकनीकों का समावेश न केवल उत्पादन को बढ़ता है, बल्कि किसानों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाता है.
क्या है 2 जी और 3जी तकनीक
लौकी की बेल पर मुख्य तना और शाखाएं होती है. इनमें से तना और पहली पीढ़ी की शाखाओं को 1जी कहा जाता है. जब इन शाखाओं से और शाखाएं निकलती है, तो इन्हें 2जी (सेकंड जनरेशन) शाखाएं कहा जाता है. इसी तरह, इन 2जी शाखाओं से जो शाखाएं निकलती हैं, उन्हें 3जी (थर्ड जनरेशन) शाखाएं कहते हैं.
अधिक शाखाएं निकलेंगी
जब मुख्य तने से निकली शाखाओं को काटा जाता है, तो पौधे की ऊर्जा अन्य शाखाओं को बढ़ाने में लगती है. इससे नई और अधिक शाखाएं विकसित होती हैं, इसे टूजी तकनीक कहते हैं. इसी तरह जब 2जी शाखाओं को काटने से 3जी शाखाएं निकलती हैं, वह फल देने में सबसे अधिक सक्षम होती है. यह तकनीक पौधे के फलन क्षेत्र को बढाती है और अधिक उत्पादन में सहायक होती है. उत्पादन बढ़ाने के लिए 3जी शाखाओं पर अधिक फूल-फल लगते हैं. यह तकनीक फलों के आकार और स्वाद को बेहतर बनाती है. शाखाओं के क्रमिक विकास के कारण पौधा अधिक व्यवस्थित रहता है.
ऐसे कर सकते हैं कटिंग
एग्रीकल्चर एक्सपर्ट बजरंग सिंह ने बताया कि जब पौधा लगभग 30-35 दिन पुराना हो जाए, तो मुख्य तने से 1जी शाखाओं की पहचान करें. 1जी शाखाओं को काटकर 2जी शाखाओं को विकसित होने दें. 2जी शाखाएं जब बढ़ने लगे, तो इन्हें काटकर 3 जी शाखाओं के विकास को प्रोत्साहित करें. कटिंग के लिए साफ और तेज औजारों का उपयोग करें. इससे पौधे में किसी भी प्रकार का संक्रमण नहीं होगा.
Location :
Sikar,Rajasthan
First Published :
February 06, 2025, 13:00 IST
लत या बेल वाली सब्जियों की खेती में अपनाएं ये तकनीक, कमाई होगी तगड़ी