लोगों ने विरोध किया, लेकिन अपना प्रण नहीं छोड़ा, ये हैं मुंबई की Animal Mom

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Last Updated:January 18, 2025, 15:12 IST

Mumbai Animal Mom: मुंबई की मालन सोनावणे ने जानवरों के प्रति अपने प्रेम को सेवा में बदला है. वह सैकड़ों मूक जीवों की देखभाल करती हैं, और उनका यह प्रयास समाज के लिए प्रेरणा बन चुका है.

लोगों ने विरोध किया, लेकिन अपना प्रण नहीं छोड़ा, ये हैं मुंबई की Animal Mom

वायरल एनिमल मॉम

निकिता तिवारी/मुंबई: मुंबई में एक महिला ने न केवल अपनी जिंदगी को मूक जानवरों के लिए समर्पित किया है, बल्कि उन जानवरों के लिए एक नई उम्मीद भी बनाई है, जिनकी मदद कोई और नहीं करता. इस महिला का नाम है मालन सोनावणे, जिन्हें लोग प्यार से ‘एनिमल मॉम’ बुलाते हैं. उनकी कहानी जानवरों के प्रति अटूट प्रेम और सेवा की प्रेरणा देती है.

300 जानवरों की देखभाल करती हैं मालन सोनावणे
मालन सोनावणे, जिनकी उम्र 61 साल है, सिर्फ एक-दो जानवरों की नहीं बल्कि लगभग 300 कुत्तों और बिल्लियों की देखभाल करती हैं. मुंबई के विभिन्न इलाकों में जहां भी कोई जानवर घायल या बीमार होता है, लोग मालन से संपर्क करते हैं. वह इन जानवरों को अस्पताल ले जाकर उनका इलाज कराती हैं और उनकी विशेष देखभाल भी करती हैं. उनकी यह सेवा शहर के बहुत से लोगों के लिए राहत का कारण बन चुकी है.

जानवरों को खाना देना उनकी दिनचर्या बन चुका है
मालन की दिनचर्या जानवरों को खाना खिलाने में समर्पित है. पिछले 10 सालों से मालन मुंबई के विभिन्न इलाकों जैसे जुहू, सांताक्रुज पूर्व, बीकेसी, और बांद्रा पूर्व में कुत्तों और बिल्लियों को खाना देती हैं. मालन हर दिन लगभग 300 जानवरों को खाना देती हैं, और यह काम वह दिनभर करती हैं. वह सुबह 2 बजे घर से निकलकर रात 1-2 बजे तक अपने घर लौटती हैं. मालन का कहना है कि यह उनकी रोज की आदत बन गई है, और उन्होंने इसे अपना संकल्प बना लिया है.

कैसे शुरू हुई यह यात्रा?
मालन ने 10-12 साल पहले अपने घर के पास के कुत्तों और बिल्लियों को खाना देना शुरू किया था. धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ने लगी और वह शहर के विभिन्न हिस्सों में घूमकर इन मूक जानवरों को खाना देने लगीं. लोग उन्हें मजाक में ‘एनिमल मॉम’ कहने लगे, लेकिन मालन ने इस मजाक को अपनी तारीफ माना और ‘एनिमल मॉम फाउंडेशन’ नाम की संस्था शुरू की. इसके तहत वह हर दिन करीब 100 से 150 किलो खाना इन जानवरों को देती हैं.

चुनौतियाँ और संकल्प
मुंबई जैसे बड़े शहर में मालन को कई बार विरोध और शिकायतों का सामना करना पड़ा है, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. कई बार उन्हें मूक जानवरों को खाना देने के खिलाफ शिकायतें मिलीं, लेकिन मालन ने अपने संकल्प को कायम रखा. उनका मानना है कि जानवरों को भी भूख लगती है और यह उनका धर्म है कि उनकी भूख को शांत किया जाए. मालन का यह काम लोगों के लिए एक प्रेरणा बन गया है, जो जानवरों के प्रति उनके अटूट प्रेम को देखकर उन्हें सलाम करते हैं.

Location :

Mumbai,Maharashtra

First Published :

January 18, 2025, 15:12 IST

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