Last Updated:January 11, 2025, 15:55 IST
South Bengal News: पूर्वी मेदिनीपुर के एक स्कूल में शिक्षकों के आपसी विवाद ने छात्रों की पढ़ाई पर गहरा असर डाला है. इस घटना ने स्थानीय शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
पूर्वी मेदिनीपुर जिला हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है. लेकिन हाल ही में यहां के एक स्कूल में ऐसी घटना घटी जिसने जिले में हलचल मचा दी. तामलुक हरिजन प्राइमरी स्कूल, जो वार्ड नंबर 8 में स्थित है और अनुसूचित क्षेत्र में आता है, में छात्रों ने प्रधानाध्यापिका और सह-शिक्षकों के व्यवहार के कारण स्कूल छोड़ दिया.
सत्र की शुरुआत में ही बड़ा सवाल
सत्र की शुरुआत में 30 छात्रों के स्कूल छोड़ने से बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. क्या यह स्कूल अगले दिन भी चलेगा? शिक्षकों और प्रधानाध्यापिका के बीच ऐसा क्या हुआ कि छात्रों को यह कदम उठाना पड़ा, यह चर्चा का विषय बन गया है.
विवाद की शुरुआत
इस प्राथमिक विद्यालय में पहले 37 विद्यार्थी अध्ययनरत थे. स्कूल में तीन शिक्षक थे. जब से टीआईसी आरती दास सेवानिवृत्त हुईं और वर्नाली महेश ने अगस्त में ठेकुआबाजार सर्कल से स्थानांतरण लेकर प्रधानाध्यापिका का पद संभाला, समस्याएं शुरू हो गईं. वर्नाली महेश के आने के बाद स्कूल के अन्य दो सह-शिक्षकों के साथ उनका विवाद बढ़ गया.
प्रधानाध्यापिका का आरोप
प्रधानाध्यापिका वर्नाली महेश का कहना है कि सहायक शिक्षक समय पर स्कूल नहीं आते थे, जिससे स्कूल का माहौल बिगड़ गया. उन्होंने एसआई को बार-बार फोन कर समस्या हल करने की कोशिश की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला.
तालेबंदी और बढ़ता विवाद
यह आरोप भी लगाया गया कि कुछ महीने पहले प्रधानाध्यापिका से विवाद के चलते दोनों सह-शिक्षकों को स्कूल में प्रवेश से रोकने के लिए ताला लगाया गया था. इस घटना के बाद दोनों सहायक शिक्षकों को एसआई और जिला प्राथमिक विद्यालय संसद कार्यालय तक दौड़ लगानी पड़ी, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ.
स्कूल के बंद होने की कगार
जनवरी की शुरुआत में करीब 30 छात्रों ने इस विवाद से परेशान होकर स्कूल छोड़ दिया. प्रधानाध्यापिका और सह-शिक्षकों के बीच चल रहे इस तनाव के कारण स्कूल बंद होने की स्थिति में है.
शिक्षा परिषद का बयान
जिला प्राथमिक विद्यालय संसद (डीपीएससी) के चेयरमैन हबीबुर रहमान ने कहा कि स्कूल में शिक्षकों के बीच विवाद की समस्या है और इसे सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है. यदि समस्या जल्द हल नहीं हुई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.