षटतिला एकादशी कब है? इस दिन करें यह उपाय, सभी पापों से मिलेगी मुक्ति!

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Agency:News18 Uttarakhand

Last Updated:January 21, 2025, 07:01 IST

Shattila-Ekadashi 2025 Date: षटतिला एकादशी हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है. यह दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर होता है. इस दिन व्रत रखने, तुलसी माता की पूजा करन...और पढ़ें

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षटतिला

षटतिला एकादशी पर करें माता तुलसी के इन खास मंत्रों का जाप 

ऋषिकेश: षटतिला एकादशी हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र मानी जाती है. यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल षटतिला एकादशी 25 जनवरी, शनिवार को मनाई जाएगी. इस दिन भक्तजन भगवान नारायण की पूजा-अर्चना करके उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं. मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन पूरे विधि-विधान से उपवास करता है और भगवान विष्णु की पूजा करता है और साथ ही मां तुलसी के खास मंत्रों का जाप करता है, उसे विशेष पुण्य प्राप्त होता है.

लोकल 18 के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी शुभम तिवारी ने कहा कि षटतिला एकादशी हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है. यह दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर होता है. इस दिन व्रत रखने, तुलसी माता की पूजा करने और विशेष मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में धन, यश, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. जो भक्त इस व्रत को सच्चे मन से करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं.

षटतिला एकादशी का महत्व

षटतिला एकादशी के दिन उपवास रखने और दान-पुण्य करने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है और व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. इस दिन तिल का बहुत अधिक महत्व होता है. ‘षटतिला’ का अर्थ ही है ‘छह प्रकार के तिल’. इस व्रत में तिल से बनी छह चीजों का उपयोग किया जाता है – तिल का स्नान, तिल का उबटन, तिल का हवन, तिल का तर्पण, तिल का दान और तिल से बने भोजन का सेवन. ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में धन, यश और सौभाग्य की वृद्धि होती है.

मां तुलसी की पूजा का महत्व

षटतिला एकादशी के दिन मां तुलसी की पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है. हिंदू धर्म में तुलसी को देवी लक्ष्मी का ही स्वरूप माना जाता है और इसे भगवान विष्णु की प्रिय मानी जाती है. तुलसी के पौधे के बिना किसी भी पूजा को पूर्ण नहीं माना जाता. इस दिन प्रातः स्नान के बाद तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाना चाहिए और देसी घी का दीपक जलाकर उनका पूजन करना चाहिए. तुलसी माता के 108 नामों का जाप करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और जीवन में सभी परेशानियों का अंत होता है

मां तुलसी के विशेष मंत्र

षटतिला एकादशी के दिन तुलसी माता के निम्न मंत्रों का जाप करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि इन मंत्रों का जाप करने से जीवन में आ रही हर समस्या दूर होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.

1. महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।

(अर्थ: हे माता तुलसी, आप महाप्रसाद देने वाली और सभी प्रकार के सौभाग्य को बढ़ाने वाली हैं। आप सभी रोग और दुखों को हरने वाली हैं। आपको मेरा बारंबार नमन।)

2. नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।

(अर्थ: हे तुलसी माता, आप भगवान विष्णु की प्रिय हैं और सभी पापों का नाश करने वाली हैं। आपको बार-बार नमन।)

3. ॐ सुभद्राय नमः।

(अर्थ: शुभद्रा माता को नमन।)

4. मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी, नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते।

(अर्थ: हे माता तुलसी, आप भगवान गोविंद को हृदय से आनंद देने वाली हैं। मैं भगवान नारायण की पूजा के लिए आपको चुनता हूं। आपको नमन।)

5. ॐ सुप्रभाय नमः।

(अर्थ: सुप्रभा माता को नमन।)

Location :

Rishikesh,Dehradun,Uttarakhand

First Published :

January 21, 2025, 07:01 IST

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षटतिला एकादशी कब है? इस दिन करें यह उपाय, सभी पापों से मिलेगी मुक्ति!

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