Last Updated:January 20, 2025, 12:58 IST
Hindenburg Update : दुनियाभर की कंपनियों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाली अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग खुद ही तमाम फर्जीवाड़ों के आरोपों में घिरती जा रही है. हाल में कनाडाई मीडिया ने एक रिपोर्ट में बताया कि हिंडनबर्ग और कनाडा की कंपनी मिलकर कई...और पढ़ें
नई दिल्ली. अडानी समूह के खिलाफ अपनी रिपोर्ट से देशभर में तहलका मचाने वाली अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग खुद ही कटघरे में खड़ी नजर आ रही है. पता चला है कि उसने कनाडा की एक कंपनी के साथ मिलकर हेरफेर किया था, जो भारत में एक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक के रूप में रजिस्टर्ड है. कनाडा के टोरंटो स्थित हेज फंड Anson Funds और अमेरिकी शॉर्ट-सेलर Hindenburg Research अपनी मिलीभगत और आरोपों के तहत जांच के घेरे में है.
डिपॉजिटरी डेटा के अनुसार, कनाडा का यह हेज फंड भारत में दो एफपीआई चलाता है, टेक्सास स्थित एंटिटी Anson Funds Management LP और केमैन आइलैंड्स स्थित एंटिटी Anson Investments Master Fund LP. इन पर आरोप है कि Hindenburg Research के संस्थापक Nate Anderson, जिन्होंने हाल ही में कंपनी को बंद करने की घोषणा की थी, उनका Anson Capital जैसे हेज फंड्स के साथ संबंध था और उन्होंने कंपनियों को निशाना बनाने वाली रिपोर्ट तैयार करने में मदद की थी.
कनाडा की मीडिया ने पकड़ा झूठ
कनाडाई मीडिया आउटलेट The Markets Fraud Portal द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, Hindenburg ने Anson के साथ मिलकर एक रिपोर्ट तैयार की थी. यह रिपोर्ट ओंटारियो सुपीरियर कोर्ट में मानहानि के मुकदमे में दाखिल किए गए दस्तावेजों पर आधारित थी. हालांकि, यह पता नहीं लगा है कि क्या एन्सन फंड्स ने 25 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग द्वारा अडानी ग्रुप कंपनियों पर रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले अडानी ग्रुप कंपनियों में शॉर्ट पोजीशन ली थी. इस रिपोर्ट के कारण भारी बिकवाली हुई, जिससे समूह के बाजार पूंजीकरण को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ.
एफपीआई नियमों को भी तोड़ा
कनाडाई मीडिया इस रिपोर्ट ने खुलासा किया कि हिंडनबर्ग के साथ मिलकर एंसन फंड ने भारतीय एफपीआई नियमों को भी तोड़ा है. कानून के जानकारों का कहना है कि इसका असर भारत के एफपीआई लाइसेंस पर भी पड़ सकता है. बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) कई मानकों को निर्धारित करता है जिनका एफपीआई को पालन करना होता है. सेबी के नियमों के तहत एफपीआई को ‘फिट और उचित’ होना चाहिए और फंड या उसके प्रमुख कार्यकर्ताओं द्वारा किसी भी बड़े गलत काम का सबूत मिलने पर फंड की फिट और उचित स्थिति पर असर पड़ सकता है. इस मामले में भी सेबी स्वत: संज्ञान ले सकता है.
धोखाधड़ी के कई आरोप
कनाडाई कंपनी एन्सन फंड्स और नैट एंडरसन के खिलाफ कई बार सिक्योरिटीज धोखाधड़ी के आरोप हैं. अब तक उसमें से केवल 5 प्रतिशत का ही खुलासा हुआ है. दोनों कंपनियों के खिलाफ दाखिल कोर्ट फाइलिंग दस्तावेज़ों में भी इसे दिखाया गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब तक जो हमने पढ़ा है, उससे लगभग निश्चित है कि जब हिन्डनबर्ग और एन्सन के बीच का पूरा आदान-प्रदान SEC तक पहुंचेगा तो नैट एंडरसन पर 2025 में सिक्योरिटीज धोखाधड़ी का आरोप लगेगा. एन्सन के मुख्य निवेश अधिकारी (CIO) मोएज कासम ने कोर्ट को बताया कि उनकी फर्म ने एंडरसन सहित विभिन्न स्रोतों के साथ शोध साझा किया. हिन्डनबर्ग ने कहा है कि एन्सन फंड्स का शॉर्ट-सेलर और उसके द्वारा प्रकाशित रिपोर्टों पर कोई संपादकीय नियंत्रण नहीं था.
25 लाख डॉलर का जुर्माना भी लगा
जून 2024 में अमेरिकी बाजार नियामक सिक्योरिटीज एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने Anson समूह की दो संस्थाओं Anson Advisors और Anson Funds पर 25 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया. यह जुर्माना एक एक्टिविस्ट शॉर्ट पब्लिशर के साथ सहयोग करने के लिए लगाया गया. Anson ने शॉर्ट-सेलर के शीर्ष अधिकारी को ट्रेडिंग मुनाफे का हिस्सा देने पर सहमति जताई थी. आदेश में कहा गया कि सितंबर 2018 में Anson Advisors ने शॉर्ट-सेलर से कनाडा में सूचीबद्ध कंपनी Namaste Technologies पर एक नकारात्मक रिपोर्ट जारी करने के लिए कहा था. Namaste Technologies, एक ई-कॉमर्स कैनबिस कंपनी है, जिसे फरवरी 2019 में अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सीन डॉलिंगर को शॉर्ट-सेलर रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों के बाद निकालना पड़ा.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
January 20, 2025, 12:58 IST