शिमला के डॉ. महावीर सिंह की कहानी
शिमला: सरकारी स्कूल से पढ़ने के बाद भी कई लोग आज ऊंचे मुकाम पर हैं. महावीर सिंह ने भी शिमला के कुमारसेन के सरकारी स्कूल से पढ़ाई की थी. उन्होंने खुद भी कभी नहीं सोचा था कि वो दुनिया के टॉप वैज्ञानिकों की लिस्ट में जगह बना लेंगे. लेकिन ऐसा हुआ. लोकल 18 आपके लिए लेकर आया है उनकी इंस्पायरिंग कहानी.
स्टैनफोर्ड की रैकिंग में बनाई जगह
डॉ. महावीर सिंह ने पूरे देश का नाम रोशन किया है. वह मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के फिजिक्स डिपार्टमेंट में प्रोफेसर है. उन्होंने विश्व के 2 फीसदी वैज्ञानिकों में अपना स्थान बनाया है. डॉ. महावीर सिंह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) की रैंकिंग-2024 में विश्व के 2 फीसदी शीर्ष वैज्ञानिकों में से एक बन गए हैं. यह गर्व का विषय है कि कैसे एक सरकारी स्कूल में हिंदी मीडियम से पढ़ने वाले छात्र ने इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है.
कुछ ऐसी है डॉ. महावीर की कहानी
डॉ. महावीर सिंह ने कुमारसेन के छोटे से सरकारी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा ली. सरकारी स्कूल में हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने के बाद वह रामपुर कॉलेज गए, जहां उन्होंने स्कॉलरशिप हासिल की और बीएससी में टॉप किया. इसके बाद स्कॉलरशिप लेकर ही हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एमएससी की पढ़ाई की. एमएससी के बाद उन्होंने जेआरएफ की परीक्षा पास की और आईआईटी दिल्ली से अपनी पीएचडी की पढ़ाई पूरी की.
इसे भी पढ़ें: बौना कहकर मजाक उड़ाने वालों को दिया जवाब, इतनी डिग्रियां ले डालीं कि अच्छे-अच्छे हिल जाएं
27 सालों से हैं प्रोफेसर
डॉ. महावीर सिंह 27 सालों से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं. इससे पहले वह फ्रांस और यूएसए में भी काम कर चुके हैं.आईईसी बद्दी विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके हैं, जिसके लिए उन्हें बेस्ट कुलपति का अवार्ड भी मिला. कई प्रतिष्ठित शोध में भी डॉ. महावीर की भूमिका रही है. 25 शोधार्थियों को वो पीएचडी के लिए गाइड भी कर चुके हैं.
कमाल की रिसर्च के लिए मिला है सम्मान
डॉ. महावीर सिंह एप्लाइड फिजिक्स यानी मैटेरियल साइंस के क्षेत्र में उपलब्धियों और मैग्नेटिक नैनो टेक्नोलॉजी में महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित हुए हैं. इसी रिसर्च के कारण उन्हें दुनिया के टॉप 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों में स्थान मिला है. हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से विश्वविद्यालय के प्रोफेसर का दुनिया में इतना बड़ा मुकाम हासिल करना विद्यार्थियों को भी प्रोत्साहित करता है. डॉ. महावीर सिंह 10 वर्षों से अधिक समय से ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में शोध कर रहे है. उन्होंने विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए और संचार में गीगाहर्ट्ज आवृत्ति रेंज एंटीना लघुकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए मैग्नेटिक नैनो टेक्नोलॉजी के अभिनव अनुप्रयोगों की खोज की है.
Tags: Local18, Success Story, Yoddha
FIRST PUBLISHED :
September 24, 2024, 11:52 IST