Cold-Flu Drugs Not Effective: सर्दी-खांसी की सामान्य दवाइयां तेजी से बेअसर होने लगी है. ब्रिटेन के डॉक्टरों ने इनमें से कई सर्दी-खांसी की दवा को बंद करने तक का सुझाव दिया है. हालांकि ब्रिटेन के दवा नियामकों ने इन दवाओं का बचाव करते हुए कहा है कि फिलहाल इन दवाओं की सेफ्टी से संबंधित साक्ष्य सामने नहीं आए हैं, लिहाजा इसे फिलहाल बंद नहीं किया जा सकता है. जब सर्दी लगती है और छाती में भारीपन आ जाता है तो अक्सर डॉक्टर फेनाइलफेरिन ओरल दवा लेने की सलाह देते हैं. कई नामों से ये दवा आती है लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि यह दवा मरीज पर बिल्कुल असर नहीं दिखा रही है. इसी तरह नाक में डालने वाली दवा भी कारगर नहीं हो रही है. डॉक्टरों की चिंताओं को देखते हुए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इनमें से कुछ दवाओं को वापस कर लिया है. हालांकि सवाल यह भी है कि आखिर ये दवाएं क्यों काम नहीं कर रही है.
क्यों हो रही है बेअसर
ग्लोबल डायबेट्स कम्युनिटी की एक रिपोर्ट में ब्रिटेन के कार्डिफ यूनिवर्सिटी में कॉमन कोल्ड एंड कफ सेंटर में काम करने वाले प्रोफेसर रॉन एक्लेस बताते हैं कि दरअसल, फेनाइलफेरिन दवा को जब मुंह से ली जाती है तो जब तक इसकी गंध नाक में पहुंचे, उससे पहले यह पेट में पहुंच जाता है जहां आत और लिवर इसे पहले ही मेटाबोलाइज कर देता है. यही कारण है कि ये दवा बेअसर होने लगी है. सर्दी-खांसी की कई दवाओं के साथ ऐसा ही हो रहा है. प्रोफेसर रॉन एक्लेस कहते हैं कि मेरे विचार से इन दवाओं को चलन से बाहर कर देना चाहिए. क्योंकि जब छाती में कनजेशन होता है तो यह बहुत परेशानी पैदा करता है. इससे सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में यदि किसी की ये दवा दी जाए और वह काम न करे तो उस समय मरीज को अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ सकता है. इसलिए इन दवाओं को बंद कर देना चाहिए.
सुरक्षा मानकों का ख्याल रखना होगा
हालांकि प्रोफेसर रॉन ने बताया कि नाक में लेने वाली दवाइयां असरदार होती है और यह कुछ मिनट के अंदर असर दिखाना शुरू कर देती है. इसका असर लगभग 8 घंटे तक रहता है. दवा कंपनियों का कहना है कि फेनाइलफिरन दवा बंद नाक को खोल देता है क्योंकि नाक की ओर जाने वाली छोटे से ब्लड वैसल्स में यह स्वेलिंग को ठीक कर देती है. उनका यह भी कहना है कि सर्दी-खांसी की ओरल दवा भी कारगर है. ब्रिटेन में दवा को अंतिम रूप से मंजूरी के लिए कड़े मानदंडों से गुजरना पड़ता है. इसलिए अगर दवा में बेअसर हो रही है तो इसके लिए भी कड़े सुरक्षा मानकों पर इसे परखना होगा. यह एक लंबी प्रक्रिया है. वैसे डॉक्टरों का मानना है कि सर्दी, खांसी की कई दवा बेअसर हो रही है, इसलिए वे अब इन दवाओं को लेने की सलाह बहुत कम देते हैं. ऐसे में जब ये दवा डॉक्टर लिखेंगे ही नहीं तो दवा निर्माताओं को मजबूरी में आज न कल बंद कर देना ही होगा. लेकिन मुश्किल यह है कि ये दवाइयां दुकानों में यूं ही मिल जाती है और जब लोगों को सर्दी-जुकाम लगती है तो वे खुद ही इसे खरीद लेते हैं. ऐसे में इसे जल्दी बंद होने की कोई संभावना नहीं है. अधिकांश लोगों को पता भी नहीं कि ये दवा काम नहीं कर रही है. सेंटर फॉर ड्रग इवैल्यूवेशन के डायरेक्टर डॉ. पेट्रिजिया बताती हैं कि एफडीए का काम दवा की प्रभावकारिता और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है. दवा सेफ है कि नहीं इसके बारे में एफडीए जल्द निर्णय लेगा.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 11:21 IST