सिर्फ 10 रुपए में वैध कब्जा? प्रशासन की नीति पर उठ रहे सवाल

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Agency:News18 Bihar

Last Updated:February 08, 2025, 11:30 IST

सासाराम शहर की प्रमुख सड़कों पर जाम और अतिक्रमण की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है. रौजा रोड से लेकर गौरक्षणी तक फुटपाथ और सड़कें पूरी तरह से ठेला-खोमचा वालों के कब्जे में हैं, जिससे पैदल चलना तक मुश्किल हो ...और पढ़ें

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प्रतीकात्मक तस्वीर 

ज्ञानेन्द्र सिंह/रोहतास. सासाराम शहर की प्रमुख सड़कों पर जाम और अतिक्रमण की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है.  रौजा रोड से लेकर गौरक्षणी तक फुटपाथ और सड़कें पूरी तरह से ठेला-खोमचा वालों के कब्जे में हैं, जिससे पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है. इसी तरह, धर्मशाला रोड, पुरानी जीटी रोड, पोस्ट ऑफिस चौक, वेदा नहर पुल और कलेक्ट्रेट के आसपास भी यही स्थिति बनी हुई है.

एक ओर प्रशासन इन दुकानदारों को अतिक्रमणकारी बताकर हटाने की कार्रवाई करता है, तो दूसरी ओर नगर निगम उन्हीं दुकानदारों से दस रुपए प्रतिदिन टैक्स वसूलकर उन्हें वैध कर रहा है. इस दोहरी नीति से न केवल शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा रही है, बल्कि छोटे दुकानदार भी असमंजस की स्तिथि में हैं.

दुकानदारों को हुआ भारी नुकसान
Local 18 से बातचीत के दौरान मोहम्मद मेराज ने बताया कि नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर से  पुराने बस स्टैंड में बने वेंडिंग जोन में दुकान लगाने के लिए कहा. लेकिन, तीन दिन तक वहां सब्जी बेची, तो कोई ग्राहक नहीं आया. जिससे उन्हें लगभग 10,000 रुपए का नुकसान हुआ. इसी तरह, मोहम्मद सोहराब ने बताया कि प्रशासन की ओर से वेंडिंग जोन में जाने का दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन, वहां व्यापार न होने के कारण उन्हें महाजनों से लिया कर्ज चुकाने में दिक्कत हो रही है. उन्होंने नगर निगम की ओर से काटी गई टैक्स पर्चियों को दिखाते हुए कहा कि वे रोजाना 10 रुपए टैक्स चुकाते हैं, फिर भी प्रशासन उन्हें अतिक्रमणकारी बताकर हटा रहा है. राहुल कुमार नामक ने भी प्रशासन के दोहरे रवैये की ओर इशारा किया.  उन्होंने कहा, एक तरफ नगर निगम हमसे रोजाना टैक्स वसूलता है और दूसरी तरफ जिला प्रशासन हमें वेंडिंग जोन में जाने का दबाव डाल रहा है. वहां ग्राहक नहीं पहुंचते, जिससे हमारी रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है.

जाम की असली वजह ठेले या ऑटो?
लोकल 18 ने उनसे शहर में लगातार लग रहे जाम कि तरफ़ इशारा करते हुए सवाल पूछे तो दुकानदारों ने कहा कि प्रशासन केवल ठेले और फुटपाथ दुकानदारों को निशाना बना रहा है, जबकि असली समस्या सड़कों पर खड़े ऑटो और टोटो (ई-रिक्शा) हैं. मोहम्मद मेराज ने बताया, “अगर जाम की समस्या हल करनी है, तो पहले ऑटो और टोटो स्टैंड को व्यवस्थित करना होगा. लेकिन, प्रशासन केवल फुटपाथ दुकानदारों पर कार्रवाई कर रहा है, जो नाइंसाफी है.

डीएम का बयान की होगी जांच
इस मामले पर रोहतास की डीएम उदिता सिंह ने कहा कि अगर नगर निगम ठेले-खोमचे वालों से टैक्स वसूल रहा है और प्रशासन उन्हें हटाने की कार्रवाई कर रहा है, तो यह गंभीर मामला है.  इसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से कुछ घंटे के लिए कार्रवाई करने के बाद फिर से हालात जस के तस रहते हैं.  ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वास्तव में शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए ठोस योजना बनाई जा रही है, या यह सिर्फ दिखावे की कार्रवाई है?

दुकानदारों की मांग
फुटपाथ दुकानदारों और स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि उन्हें एक स्थायी और वैध स्थान दिया जाए, ताकि न केवल उनका रोजगार सुरक्षित रहे, बल्कि शहर की यातायात व्यवस्था भी सुचारु बनी रहे. उनका कहना है कि यदि प्रशासन ठेला-खोमचा वालों को हटाना चाहता है, तो पहले उन्हें एक ऐसे वेंडिंग जोन में स्थान दिया जाए, जहां ग्राहक आसानी से पहुंच सकें ताकि उनकी बिक्री पर भी कोई प्रभाव न पड़े और शहर में लगातार हो रहे जाम कि स्थिति से भी निजात मिल सके .

First Published :

February 08, 2025, 11:30 IST

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