Last Updated:February 05, 2025, 12:20 IST
Service Sector PMI : देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देने वाले सर्विस सेक्टर की ग्रोथ जनवरी में काफी कम रही है. एचएसबीसी इंडिया ने बताया कि यह गिरकर 2 साल के निचले सतर पर आ गई है.
हाइलाइट्स
- सर्विस सेक्टर की ग्रोथ जनवरी में 2 साल के निचले स्तर पर.
- एचएसबीसी इंडिया सेवा सूचकांक जनवरी में 56.5 पर आ गया.
- रोजगार सृजन 20 साल में सबसे तेजी से बढ़ा.
नई दिल्ली. भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 40 फीसदी का योगदान देने वाले सर्विस सेक्टर की ग्रोथ जनवरी में 2 साल के निचले स्तर पर चली गई. इसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर दिखने की आशंका है. एचएसबीसी इंडिया सेवा कारोबारी गतिविधि सूचकांक ने जनवरी के आंकड़े में बताया कि भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर बिक्री व उत्पादन में धीमी वृद्धि के बीच जनवरी में दो वर्षों में सबसे सुस्त गति से बढ़ी. यह दिसंबर के 59.3 से घटकर जनवरी में 56.5 पर आ गया, जो नवंबर 2022 के बाद से इसका सबसे निचला स्तर है.
क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में तेजी और 50 से कम का आशय संकुचन से होता है. एचएसबीसी भारत के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि सेवा क्षेत्र ने जनवरी में वृद्धि की गति खो दी. हालांकि पीएमआई 50 के स्तर से काफी ऊपर रहा, जो ग्रोथ को दिखाता है, लेकिन यह काफी सुस्त रही है. व्यावसायिक गतिविधि और नए व्यवसाय पीएमआई सूचकांक क्रमशः नवंबर 2022 और नवंबर 2023 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गए.
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विदेशी बिक्री में तेजी आई
सेवा क्षेत्र की पीएमआई में भले ही गिराव दिख रही, लेकिन विदेशी बिक्री और ऑर्डर में ग्रोथ है. कुल नए ऑर्डर के रुझान के विपरीत अंतरराष्ट्रीय बिक्री में तेजी से वृद्धि हुई. सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका के ग्राहकों से लाभ उठाने की बात कही है. यहां विस्तार की कुल दर पांच महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. नए निर्यात कारोबार में आंशिक रूप से गिरावट रही, लेकिन 2024 के अंत में गिरावट से उबरना जारी रखा है.
20 साल में सबसे तेजी से बढ़े रोजगार
सर्वेक्षण में कहा गया कि नए व्यवसाय में निरंतर सुधार और बढ़ती क्षमता दबाव ने सेवा प्रदाताओं को पिछली वित्तीय तिमाही की शुरुआत में अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए प्रेरित किया. पूर्णकालिक और अंशकालिक पदों पर नियुक्तियां की गईं. दिसंबर से रोजगार सृजन की दर में तेजी आई और यह दिसंबर 2005 में डेटा संग्रह शुरू होने के बाद से सबसे तेजी से बढ़ी. इसका मतलब है कि बीते 20 साल में रोजगार सृजन का आंकड़ा अभी सबसे तेज है.
कंपनियों का खर्चा बढ़ गया
रिपोर्ट में कहा गया है कि मूल्य के मोर्चे पर, सेवा कंपनियों ने अपने खर्चों में एक और उछाल देखा, जिसकी मुख्य वजह कर्मचारियों की बढ़ती लागत के साथ खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें भी रहीं. बढ़ती लागत के बोझ व मांग के लचीलेपन के परिणामस्वरूप 2025 की शुरुआत में भारतीय सेवाओं के प्रावधान के लिए लगाए गए मूल्य और भी बढ़ गए. भारत की निजी क्षेत्र की वृद्धि दर जनवरी में कुछ धीमी हुई. एचएसबीसी इंडिया कम्पोजिट आउटपुट सूचकांक दिसंबर के 59.2 से गिरकर 14 महीने के निचले स्तर 57.7 पर आ गया. यह रिपोर्ट एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 सेवा क्षेत्र की कंपनियों से मिले जवाब के आधार पर तैयार की है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 05, 2025, 12:20 IST