Last Updated:February 03, 2025, 18:23 IST
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव में 10% वोटों में गड़बड़ी की आशंका जताई है. आखिर इस 10 फीसदी में ऐसा क्या है, जो पूरा खेल बदल सकता है. 20 साल से दिल्ली का चुनावी पैटर्न तो यही कहता है.
हाइलाइट्स
- दिल्ली का चुनावी पैटर्न बताता है कि 40 फीसदी वोट सरकार बनाने के लिए जरूरी.
- 20 साल में सिर्फ एक बार किसी पार्टी को 40% वोट नहीं मिले तो सरकार नहीं बनी.
- आम आदमी पार्टी के इस बार 10 फीसदी वोट घट गए तो काफी मुश्किल हो जाएगी.
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘…मैं दिल्ली के लोगों को बताना चाहता हूं कि मुझे सूत्रों से पता चला है कि वे (भाजपा) मशीनों के जरिए 10% वोटों में गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं. इतनी बड़ी संख्या में वोट करें कि हर वोट झाड़ू यानी आम आदमी पार्टी को जाए. इसलिए अगर हमारे पास 15% की बढ़त है, तो हम 5% से जीतेंगे. हमें हर जगह 10% से अधिक की बढ़त दिलाएं. तो आखिर ये 10 फीसदी का खेल है क्या? आंकड़ों को देखें तो सच में इसी से दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हार तय होनी है.
दिल्ली चुनावों का पैटर्न देखें तो जिस भी पार्टी को यहां 40 फीसदी से ज्यादा सीटें मिली हैं, उसी ने सरकार बनाई है. 1993 से लेकर अब तक सिर्फ एक बार 2013 में यहां किसी भी पार्टी को 40 फीसदी वोट नहीं मिले और इसकी वजह से कोई भी पार्टी खुद के दम पर अपनी सरकार नहीं बना पाई. इस चुनाव में बीजेपी को 33.3 फीसदी, आम आदमी पार्टी को 29.7 फीसदी वोट और कांग्रेस को 24.7 फीसदी वोट मिले थे. तब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन करके सरकार बनाई थी. हालांकि, इस बार ये गठबंधन नहीं है.
1993 से 2020 तक का पैटर्न देखिए
चुनाव | जीती पार्टी | वोट शेयर | सीटें |
1993 | बीजेपी | 42.8 | 49 |
1998 | कांग्रेस | 47.8 | 52 |
2003 | कांग्रेस | 48.1 | 47 |
2008 | कांग्रेस | 40.3 | 43 |
2015 | आप | 54.5 | 57 |
2020 | आप | 53.8 | 62 |
स्रोत-चुनाव आयोग |
जानिए कैसे पलट सकता है खेल?
2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को दिल्ली में 53.8 फीसदी वोट मिले थे और उसे 62 सीटों पर जीत मिली थी. लेकिन बीजेपी भी बहुत पीछे नहीं थी. उसे भी 38.5 फीसदी वोट मिले थे. तब कांग्रेस को सिर्फ 4.23 फीसदी वोट मिले थे. वैसे तो आंकड़ों में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच काफी दूरी नजर आती है. लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि अगर आम आदमी पार्टी के 10 फीसदी वोट टूट गए तो उसमें से आधे भी आकर बीजेपी से जुड़ गए तो दिल्ली चुनाव का खेल पलट सकता है. इसीलिए आम आदमी पार्टी को 10 फीसदी वोट का डर सता रहा है.
केजरीवाल की तैयारी भी देख लीजिए
- अरविंद केजरीवाल ने कहा, हमने एहतियात के तौर पर एक वेबसाइट बनाई है. हमने ईवीएम से छेड़छाड़ रोकने के लिए एक वेबसाइट भी बनाई है, जहां पोलिंग बूथ, पीठासीन अधिकारी, कंट्रोल यूनिट आईडी, कुल पड़े वोट, मशीन की बैटरी की स्थिति और एजेंट का नाम डालेंगे, ताकि बाद में मिलान कर सकें.
- महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों से सबक लेते हुए हमने तय किया है कि 5 फरवरी की रात को हम हर पोलिंग बूथ की 6 डिटेल्स अपलोड करेंगे. ‘छेड़छाड़ न करें…यदि वे मतगणना के दिन कोई गड़बड़ी पैदा करते हैं, तो आप संख्याओं का मिलान कर सकते हैं.
- वेबसाइट में उस पोलिंग बूथ का नाम और नंबर क्या है? उस पोलिंग बूथ का पीठासीन अधिकारी कौन है? कंट्रोल यूनिट की आईडी क्या है? उस बूथ पर रात तक कुल कितने वोट पड़े? इससे यह पता चल जाएगा कि अगर 800 वोट पड़े तो गिनती 800 ही वोट की होगी, क्योंकि हम मशीन में जानकारी डाल देंगे कि मशीन में कितने वोट पड़े.
- केजरीवाल ने कहा, कई जगह आरोप लगता है कि वोट 600 पड़े, लेकिन गिनती 800 वोट की हो गई तो वो नहीं हो पाएगा। जो मशीन शाम तक काम कर रही थी, उसमें आखिर में कितनी बैटरी रह गई? बैटरी चार्ज कितनी फीसदी है, क्योंकि बैटरी बदली गई तो पता चल जाएगा कि जब ईवीएम लेकर गए तो कितनी बैटरी है और अब कितनी है.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 03, 2025, 18:23 IST