Last Updated:February 12, 2025, 15:52 IST
Freebies In India: सुप्रीम कोर्ट ने 'मुफ्त की रेवड़ियों' पर चिंता जताई. कहा इससे लोग काम नहीं करना चाहते. केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर 10000000000000 रुपये से ज्यादा मुफ्त में बांटती हैं.
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सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त की रेवड़ियां बांटने पर चिंता जताई.
हाइलाइट्स
- सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव से पहले मुफ्त की रेवड़ियां बांटने पर चिंता जताई
- कोर्ट ने कहा कि मुफ्त योजनाओं से लोग काम नहीं करना चाहते.
- सरकारें 10000000000000 रुपये से ज्यादा मुफ्त में बांट रही हैं.
आपको पता है कि देश में ‘मुफ्त की रेवड़ियों’ या फ्रीबीज पर सरकारें कितना पैसा खर्च करती हैं? जानकर आप सन्न रह जाएंगे. एक अनुमान के मुताबिक, केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर 10000000000000 रुपये से भी ज्यादा मुफ्त में बांट देती हैं. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर गंभीर चिंता जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, चुनाव जीतने के लिए ‘मुफ्त की रेवड़ियां’ बांटने की प्रथा लोगों को बेकार बना रही है. वे काम नहीं करना चाहते क्योंकि उन्हें मुफ्त में राशन और पैसा मिल जाता है. क्या ऐसी योजनाओं से हम परजीवियों का एक वर्ग नहीं बना रहे हैं?
जस्टिस बीआर गवई ने कहा, दुर्भाग्य की बात है कि फ्री में मिलने वाली चीजों के कारण लोग काम करने से बचने लगे हैं. उन्हें फ्री में राशन मिल रहा है. बिना कुछ काम किए पैसे मिल रहे हैं, तो फिर वे काम क्यों करना चाहेंगे. इससे तो बेहतर होता कि उन्हें मेन स्ट्रीम का हिस्सा बनाया जाता और देश के विकास में योगदान देने का मौका दिया जाता. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ बेघर लोगों के आश्रय के अधिकार से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
दिल्ली चुनाव में जमकर हुए वादे
सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणियां दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद आई हैं, जिसमें बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने सत्ता में आने के लिए एक के बाद एक कई ऐलान किए थे. इसमें बिजली-पानी बिल माफ, महिलाओं को 2100-2500 रुपये हर महीने, छात्रों महिलाओं के लिए मुफ्त बस की यात्रा, तमाम वर्गों को पेंशन के नाम पर हजारों रुपये देने का वादा किया गया था. ऐसी ही घोषणाएं मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र चुनावों के वक्त भी किए गए थे.
कहां क्या फ्री
- मुफ्त राशन पर तकरीबन 2 लाख करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं.
- पीएम किसान योजना के जरिए 75000 करोड़ रुपये दिए जा रहे.
- मुफ्त-बिजली पानी पर देशभर में एक लाख करोड़ से ज्यादा खर्च.
- मुफ्त बसों की सवारी के नाम पर 20 हजार करोड़ से ज्यादा लुटा रहे.
- महिलाओं को विभिन्न स्कीमों के नाम पर तीन लाख करोड़ तक खर्च
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 12, 2025, 15:52 IST