Agency:News18Hindi
Last Updated:February 07, 2025, 06:01 IST
बृहस्पति और नेपच्यून जैसे ग्रहों पर तूफान अविश्वसनीय गति से चलते हैं. नेपच्यून पर हवाओं की गति 2000 किमी प्रति घंटा तक पहुंचती है। पृथ्वी पर, सबसे तेज प्राकृतिक हवाएं 407 किमी प्रति घंटा की रिकॉर्ड की गईं. बृहस...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- नेपच्यून पर हवाओं की गति 2000 किमी प्रति घंटा तक पहुंचती है
- बृहस्पति का 'ग्रेट रेड स्पॉट' एक विशालकाय तूफान है
- पृथ्वी पर सबसे तेज हवाओं का रिकॉर्ड 407 किमी प्रति घंटा है
वॉशिंगटन: हवाएं जब तक शांत हों तब तक ही सबकुछ अच्छा होता है. अगर यह हाईस्पीड से बहने लगें तो बड़ी से बड़ी इमारतों को ध्वस्त कर सकती हैं. 1985 में, एक माइक्रोबर्स्ट ने डेल्टा एयरलाइंस की फ्लाइट को रनवे पर गिरा दिया था. 2017 में हरिकेन इरमा के दौरान 298 किमी प्रति घंटा की स्पीड से हवाएं चलीं, जिससे विनाश आ गया. तो ऐसे में अब तक का सबसे तेज चलने वाला तूफान कौन सा है? यह इस बात पर निर्भर करता है कि हवा कैसे बनी और इसे किस उपकरण से मापा गया. इस आधार पर इसके अलग-अलग रिकॉर्ड हैं. हालांकि हमारे सौरमंडल में बृहस्पति और नेपच्यून जैसे ग्रह भी तूफानों का गवाह हैं.
अगर हम सौरमंडल की सबसे तेज हवाओं की बात करें तो यह नेपच्यून ग्रह पर बहती हैं. इनकी स्पीड सुपरसोनिक होती है. नासा के मुताबिक इसकी स्पीड 1770 किमी प्रति घंटा तक पहुंच जाती है. यह आवाज से डेढ़ गुना ज्यादा तेज है. पृथ्वी पर सिर्फ पवन सुरंगों में ही हाइपरसोनिक स्पीड तक पहुंच सकती हैं. नासा के ग्लेन रिसर्च सेंटर के 10×10 सुपरसोनिक पवन सुरंग में 4,321 किमी प्रति घंटे की स्पीड से बहती है. वहीं पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से सबसे तेज हवाओं के झोके की बात करें तो इसका 407 किमी प्रति घंटे का रिकॉर्ड है. 10 अप्रैल 1996 को ऑस्ट्रेलिया के बैरो द्वीप पर एक चक्रवात के दौरान इसे दर्ज किया गया था.
बृहस्पति पर चल रहा तूफान
तूफानों की बात करें तो हमारे सौरमंडल में बृहस्पति ग्रह ऐसा है जहां हर पल तूफान चल रहा होता है. इसके कई रहस्यमय तूफान हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध ‘द ग्रेट रेड स्पॉट’ है. बृहस्पति की तस्वीरों को जब आप देखेंगे तो इसमें एक लाल रंग का बड़ा धब्बा दिखाई देता है. यह कोई आम धब्बा नहीं बल्कि एक विशालकाय तूफान है, जो पिछले कई सौ वर्षों से चल रहा है. तूफान कितना बड़ा है उसका अंदाजा आप इसी से लगा लीजिए कि पृथ्वी जैसे दो ग्रह इसमें समा जाएंगे. तूफान का आकार 16,000 किमी चौड़ा है और इसकी हवाओं की स्पीड 640 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है.
बृहस्पति पर क्यों बनते हैं तूफान?
बृहस्पति पर तूफानों का निर्माण ग्रह के तेज घूर्णन और आंतरिक उष्मा के कारण होता है. बृहस्पति का एक दिन सिर्फ 10 घंटे का होता है, जिसके कारण इसके वायुमंडल में तेज हवाएं पैदा होती हैं. विभिन्न दिशाओं में ये हवाएं बहती हैं और आपस में टकराकर शक्तिशाली तूफान पैदा करती हैं. नासा के मुताबिक रेड स्पॉट तूफान का लंबा जीवनकाल इस तथ्य से जुड़ा हो सकता है कि बृहस्पति मुख्य रूप से एक गैसीय ग्रह है. लाल धब्बा नाटकीय रूप से अपना आकार और रंग बदलता है.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 07, 2025, 06:01 IST