5 साल बाद परिवार से मिली पदमा तो आंखों से बहने लगे आंसू!

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Agency:News18 Himachal Pradesh

Last Updated:February 11, 2025, 06:39 IST

Lost and Found: हिमाचल प्रदेश के मंडी प्रशासन ने 65 वर्षीय पदमा मुर्मू को 5 साल बाद उनके परिवार से मिलवाया. पदमा को 2021 में बिलासपुर में पाया गया था. एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी ने मदद की.

5 साल बाद परिवार से मिली पदमा तो आंखों से बहने लगे आंसू!

पश्चिम बंगाल की 65 वर्षीय पदमा मुर्मू को भी प्रशासन ने परिवार से मिलवाया है.

हाइलाइट्स

  • पदमा मुर्मू 5 साल बाद परिवार से मिलीं.
  • मंडी प्रशासन ने पदमा को परिवार से मिलवाया.
  • एसडीएम स्मृतिका नेगी ने मदद की.

मंडी. हिमाचल प्रदेश में दिसंबर 2024 में मंडी जिला प्रशासन ने कर्नाटक की साकम्मा को 25 वर्षों के बाद उसके परिवार से मिलवाया था. अब पश्चिम बंगाल की 65 वर्षीय पदमा मुर्मू को भी प्रशासन ने परिवार से मिलवाया है. सोमवार को डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने पदमा मुर्मू को उनके भतीजे बबलू मुर्मू और पश्चिम बंगाल से आए हुए अधिकारी और कर्मचारियों के हवाले किया. जैसे ही पदमा का भतीजा आश्रम में पहुंचा तो उसे देखते ही पदमा भावुक हो गई और अपनों को देखकर रोने लगी. इस भावुक क्षण ने सभी की आंखें नम कर दीं. डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि पदमा अक्तूबर 2021 को बिलासपुर जिला में मिली थी और उसके बाद इन्हें चलखा स्थित आश्रम में भेज दिया गया था.

गौरतलब है कि सितंबर 2023 के बाद पदमा मुर्मू वृद्ध आश्रम भंगरोटू में रह रही थी. मंडी जिला प्रशासन का यही प्रयास है कि ऐसे लोगों को उनके परिवारों से मिलवाया जाए. आज हमें इस बात की खुशी है कि साकम्मा के बाद अब पदमा मुर्मू भी अपने परिवार के पास वापिस जा रही हैं. यह हमारे और परिवार के लिए एक सुखद पल है.

एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी के प्रयास लाए रंग एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी ने बताया कि जिस दिन साकम्मा को ले जाने के लिए कर्नाटक से उसके परिवार के लोग यहां आए हुए थे तो उसी दिन पदमा मुर्मू भी शायद साकम्मा की तरह अपनों का इंतजार कर रही थी. पदमा को हिंदी नहीं आती थी तो उन्होंने इसके लिए एनएचएआई के अधिकारियों के माध्यम से यहां काम कर रहे पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों की मदद लेकर पदमा की सारी कहानी को जाना. मिली जानकारी के अनुसार पदमा मुर्मू पश्चिम बंगाल के हुगली जिला के आसनपुर गांव की रहने वाली निकली. डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने तुरंत प्रभाव से वहां के जिला प्रशासन से संपर्क साधा और जानकारी सांझा की. इसके बाद वहां के प्रशासन ने सारी बातों को वेरिफाई करने के बाद पदमा को लाने के लिए अपने अधिकारी और कर्मचारियों को यहां भेजा.

किन्हीं कारणों से गलती से हिमाचल पहुंच गई थी

पदमा पश्चिम बंगाल से पदमा को लेने आए सामाजिक कल्याण विभाग के सुपरवाइजर सुनंदा चटर्जी ने बताया कि यह महिला अपने भाई और परिजनों के साथ ही रहती थी. कुछ साल पहले अपने गांव से वह वर्धमान चली गई और वहां से रेलगाड़ी से शायद यहां हिमाचल तक आ पहुंची. परिजनों ने उसकी गुमशुदगी के बारे में पुलिस को भी सूचना दी थी, मगर पदमा का कोई पता नहीं चल पाया था. अब मंडी जिला प्रशासन के प्रयासों के बाद पदमा और उसके परिवार में खुशी का माहौल है. इन्होंने इस अनुकरणीय पहल के लिए मंडी जिला प्रशासन का आभार जताया है.

रंग ला रहे जिला प्रशासन के प्रयास

निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि मंडी जिला प्रशासन के अधिकारियों ने ऐसे लोगों को मिलवाने के लिए जो मुहीम शुरू की है उसके सार्थक परिणाम देखकर हर कोई इसकी सराहना कर रहा है. मंडी जिला के आश्रमों में अभी भी ऐसे बहुत से लोग हैं जो भूले-भटके यहां आ तो गए हैं लेकिन भाषा का ज्ञान न होने या फिर अन्य कारणों से वापिस नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे लोगों के लिए प्रशासन की यह पहल अनुकरणीय साबित हो रही है.

Location :

Mandi,Himachal Pradesh

First Published :

February 11, 2025, 06:38 IST

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