Afgani Malai Momo: बोकारो की दोना स्टॉल का लाजवाब स्वाद, रोज 70 प्लेट चट

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Agency:News18 Jharkhand

Last Updated:February 03, 2025, 11:37 IST

Afgani Momo Recipe: आज की डेट में मोमो सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला स्ट्रीट फूड है. वहीं अफगानी मोमो अपने क्रीमी टेस्ट के लिए बच्चों से लेकर बड़ों के बीच पॉपुलर है. आइए जानते हैं इसकी रेसिपी.

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अफगानी

अफगानी मलाई मोमो कि तस्वीर 

हाइलाइट्स

  • बोकारो में 'दोना' स्टॉल पर अफगानी मलाई मोमो लोकप्रिय है.
  • रोजाना 50-60 प्लेट अफगानी मलाई मोमो बिकते हैं.
  • मोमो की कीमत 60-100 रुपये के बीच है.

कैलाश कुमार, बोकारो: अगर आप मोमो खाने के शौकीन हैं और कुछ नया ट्राई करना चाहते हैं, तो बोकारो के सेक्टर 4 स्थित पाली प्लाजा के सामने ‘दोना’ स्टॉल पर मिलने वाला अफगानी मलाई मोमो एक खास विकल्प हो सकता है. इस स्टॉल पर दूर-दराज से लोग खासतौर पर इस क्रीमी और लजीज मोमो का स्वाद चखने आते हैं.

कैसे शुरू हुआ ‘दोना’ स्टॉल
स्टॉल के संचालक अरविंद खुद मोमो के बड़े शौकीन हैं. उन्होंने महसूस किया कि बोकारो में अच्छी क्वालिटी और बेहतरीन स्वाद वाले मोमो की कमी है. इसी को देखते हुए उन्होंने खुद का मोमो स्टॉल शुरू किया.

उन्होंने स्टॉल पर चार प्रकार के मोमो बेचना शुरू किया, जिनमें शामिल हैं:

स्टीम मोमो
कुरकुरे मोमो
चिल्ली ग्रेवी मोमो
अफगानी मलाई मोमो
इनमें से सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला मोमो अफगानी मलाई मोमो है, जिसे बच्चे और बड़े सभी पसंद करते हैं.

अफगानी मलाई मोमो की कीमत 
फुल प्लेट (12 पीस) – 100 रुपये
हाफ प्लेट (6 पीस) – 60 रुपये
इसके अलावा अन्य मोमो की कीमतें इस प्रकार हैं:

पनीर मोमो – 120 रुपये (फुल प्लेट), 70 रुपये (हाफ प्लेट)
स्टीम मोमो – 60 रुपये
कुरकुरे मोमो – 80 रुपये
चीज कॉर्न मोमो – 70 रुपये
चिल्ली ग्रेवी मोमो – 80 रुपये
अरविंद बताते हैं कि उनके यहां रोजाना 50 से 60 प्लेट अफगानी मलाई मोमो की बिक्री होती है.

कैसे बनता है अफगानी मलाई मोमो
इस मोमो को बनाने की प्रक्रिया में सबसे पहले इसे हल्का फ्राई किया जाता है. इसके बाद इसे कढ़ाई में मिल्क पाउडर, दूध और क्रीम के साथ मेरिनेट किया जाता है. अंत में, ऊपर से खास मसाले डालकर इसे गर्मागर्म परोसा जाता है. इसकी क्रीमी और मसालेदार ग्रेवी इसे अन्य मोमो से अलग और स्वादिष्ट बनाती है.

स्टॉल का नाम ‘दोना’ क्यों रखा गया
अरविंद ने अपने स्टॉल का नाम ‘दोना’ इसलिए रखा ताकि लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हों और प्लास्टिक कप या पेपर प्लेट की जगह पारंपरिक दोना (पत्तों से बनी कटोरी) का उपयोग करें. इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता और यह जानवरों के लिए भी सुरक्षित होता है.

स्टॉल का समय 
समय: शाम 5:00 बजे से रात 9:30 बजे तक
स्थान: पाली प्लाजा के सामने, सेक्टर 4, बोकारो

Location :

Bokaro,Jharkhand

First Published :

February 03, 2025, 11:37 IST

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