Last Updated:February 07, 2025, 11:15 IST
JNU Income by Fines: जेएनयू ने पिछले छह वर्षों में छात्रों से 18 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला है, जो विरोध प्रदर्शनों और नियम उल्लंघन के कारण लगाया गया है. वर्ष 2023 में जुर्माना राशि 5.5 लाख रुपये तक पह...और पढ़ें
![JNU ने जुर्माना से कमाए 18 लाख, UG छात्रों के सालाना फीस का है चार गुना! JNU ने जुर्माना से कमाए 18 लाख, UG छात्रों के सालाना फीस का है चार गुना!](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/02/JNU-earned-18-lakhs-from-fines-Revealed-in-RTI-2025-02-cb600ff95c2b4719ab375cad306d7634.jpg?impolicy=website&width=640&height=480)
JNU Income By Fines: जेएनयू ने 18 लाख रुपये जुर्माने से कमाए हैं.
हाइलाइट्स
- जेएनयू ने छह वर्षों में 18 लाख रुपये का जुर्माना वसूला है.
- वर्ष 2023 में जुर्माना राशि 5.5 लाख रुपये तक पहुंची है.
- जुर्माना राशि UG छात्रों की सालाना फीस का चार गुना है.
JNU Income by Fines: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने पिछले छह वर्षों में छात्रों से कुल 18 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला है. यह जुर्माना विश्वविद्यालय के मानदंडों के उल्लंघन और विरोध प्रदर्शनों में भागीदारी के कारण लगाया गया है. टीओआई द्वारा प्राप्त आरटीआई जवाब से यह जानकारी सामने आई है. यह राशि जेएनयू के अंडरग्रेजुएट कोर्सों में नामांकित छात्रों द्वारा हर साल दी जाने वाली फीस से लगभग चार गुना है.
जेएनयू एक सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित विश्वविद्यालय है और यहां अधिकांश अंडरग्रेजुएट प्रोग्रामों की वार्षिक फीस मात्र 410 रुपये है. हालांकि विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शनों पर सख्त नियम लागू किए गए हैं. वर्ष 2024 में विश्वविद्यालय ने 10 अंडरग्रेजुएट प्रोग्रामों में 1,209 छात्रों को नामांकित किया था और इन प्रोग्रामों से मिलने वाली कुल फीस लगभग 4.95 लाख रुपये थी.
जेएनयू द्वारा लागू किए गए अनुशासनात्मक नियमों के तहत विशेष रूप से मुख्य प्रॉक्टोरियल कार्यालय (सीपीओ) द्वारा कई कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं. दिसंबर 2023 में जारी मैनुअल में विरोध प्रदर्शनों, “राष्ट्र-विरोधी” नारों और प्रतिबंधित क्षेत्रों में धरने पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया. छात्रों पर जुर्माने की राशि 20,000 रुपये तक हो सकती है, जो विश्वविद्यालय के लंबे समय से चले आ रहे विवाद का हिस्सा है.
आरटीआई जवाब के अनुसार वर्ष 2019 में 3.5 लाख रुपये, 2020 में 40,000 रुपये और 2022 में 3.8 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. वर्ष 2023 में जब सीपीओ मैनुअल को लागू किया गया, तो जुर्माना राशि 5.5 लाख रुपये तक पहुंच गई. पिछले साल विश्वविद्यालय ने 2.5 लाख रुपये का जुर्माना जमा किया था. जेएनयू के छात्रों ने वर्ष 2019 में छात्रावास शुल्क वृद्धि के खिलाफ विरोध किया था, जिसके बाद विश्वविद्यालय ने कई छात्रों पर जुर्माना लगाया था. हालांकि वर्ष 2023 में कुलपति ने घोषणा की है कि वर्ष 2019 के विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले छात्रों के खिलाफ कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा.
जेएनयू के नियमों के अनुसार जो छात्र जुर्माना नहीं भरते हैं, उन्हें निष्कासन या अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें कक्षाओं से प्रतिबंधित किया जाना और विश्वविद्यालय की गतिविधियों में भाग लेने पर रोक लगाना शामिल है. जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने सीपीओ मैनुअल को हटाने की मांग की है और इसके खिलाफ 17 दिनों की भूख हड़ताल भी की है.
ये भी पढ़ें…
IAF AFCAT 2025 एडमिट कार्ड afcat.cdac.in पर आज, आसानी से ऐसे करें डाउनलोड
ESIC में लाखों की सैलरी वाली चाहिए नौकरी, तो फटाफट यहां करें आवेदन, बिना लिखित परीक्षा होगा सेलेक्शन
First Published :
February 07, 2025, 11:15 IST