Agency:News18Hindi
Last Updated:February 06, 2025, 17:05 IST
RBI MPC Meeting: एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) इस बार रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकती है. आइए जानते हैं कि रेपो रेट का क्या है लोन कनेक्शन
हाइलाइट्स
- रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI अन्य बैंकों को कर्ज देता है.
- रेपो रेट में बदलाव से लोन की EMI पर असर पड़ता है.
- फरवरी 2023 से रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार है.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की तीन दिन की बैठक कल को खत्म हो रही है. आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में आयोजित यह बैठक 7 फरवरी को खत्म होगी. वह 7 फरवरी को नीतिगत दरों (Repo Rate) पर फैसले की जानकारी देंगे. ज्यादातर जानकारों का मानना है कि आरबीआई रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है. आरबीआई के ऐलान से पहले आपको रेपो रेट के बारे में जानना चाहिए. कैसे ये आपकी ईएमआई पर असर डालता है.
बता दें कि रेपो रेट वो दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को कर्ज देता है. जब रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है, तो बैंकों को रिजर्व बैंक से महंगी दर पर कर्ज मिलता है. वहीं, रिवर्स रेपो रेट वो ब्याज दर होती है, जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों से कर्ज लेता है.
रेपो रेट में बदलाव का EMI पर असर
होम लोन (Home Loan), पर्सनल लोन (Personel Loan) और ऑटो लोन (Auto Loan) समेत अन्य सभी बैंकिंग लोन रेपो रेट से जुड़े होते हैं. जब बैंकों को कम ब्याज दर (कम रेपो रेट) पर कर्ज मिलेगा, वे खुद भी अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए अपनी ब्याज दर कम कर सकते हैं, ताकि कर्ज लेने के इच्छुक ग्राहक बढ़ जाएं. रेपो रेट बढ़ने से बैंकों के लिए भी कर्ज महंगा हो जाएगा और बैंक ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन पर ब्याज की दर को बढ़ा देंगे. ऐसे में आपकी ईएमआई बढ़ जाएगी.
फरवरी 2023 से 6.5 फीसदी पर बरकरार है रेपो रेट
बता दें कि फरवरी, 2023 से रेपो दर को 6.5 फीसदी पर यथावत रखा है. उस समय आरबीआई ने रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था. सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित खुदरा महंगाई 4 फीसदी (2 फीसदी ऊपर या नीचे) पर बनी रहे.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 06, 2025, 17:05 IST