Last Updated:February 04, 2025, 14:05 IST
Explainer-कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. बच्चों से लेकर बड़े तक इस जानलेवा बीमारी का शिकार हो रहे हैं. मेडिकल साइंस भी इस लाइलाज बीमारी की दवा नहीं बना पाया है. आजकल का खराब लाइफस्टाइल इस बीमारी के मरीजों क...और पढ़ें
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो इंसान को शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से तोड़ देती है. भारत में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. यह बीमारी ठीक होने पर दोबारा पनप सकती है. दरअसल आजकल इसके मामले इसलिए भी बढ़ रहे हैं क्योंकि लोगों का लाइफस्टाइल खराब हो चुका है. कई बार खराब आदतें ही कैंसर का कारण बन जाती हैं लेकिन इंसान इससे अनजान रहता है. कैंसर के खतरे को कम करने के लिए कुछ आदतों में बदलाव करना बेहद जरूरी है. आज 4 फरवरी के दिन World Cancer Day के मौके पर जानते हैं इस बीमारी से कैसे दूर रहें.
9 में से 1 भारतीय को कैंसर का खतरा
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR)-नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च (NCDIR) के मुताबिक 9 में से 1 भारतीय को कैंसर का खतरा रहता है. सबसे ज्यादा फेंफड़ों और ब्रेस्ट कैंसर के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं. इंडियन जनरल ऑफ मेडिकल रिसर्च में छपी इस स्टडी में कहा गया 29 में से 1 महिला और 67 में से 1 पुरुष को उनकी पूरी जिंदगी में लंग्स और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा रहता है. वहीं बच्चों में लिम्फोइड ल्यूकेमिया का कैंसर आम है. 2022 में 14.6 लाख भारतीय कैंसर से जूझ रहे थे. 2025 में इन मामलों में 12.8% तक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
खराब लाइफस्टाइल बन सकता है कारण
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार दुनिया में 40% कैंसर के मामले आखिरी स्टेज पर पाए जाते हैं. तुर्की के हॉस्पिटल अकिबडेम मसलक अस्पताल की स्टडी के मुताबिक कैंसर का एक मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल है. जो लोग तंबाकू खाते हैं उन्हें 85% लंग कैंसर होने का खतरा रहता है. खराब खानपान, शराब पीना और एक्सरसाइज ना करना भी 50% तक कैंसर के रिस्क को बढ़ाता है. इससे सिर, गले, पैन्क्रियाज और ब्लैडर का कैंसर हो सकता है.
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आदत बदलने की जरूरत
दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में रेडिशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. दीप शंकर प्रुथी कहते हैं कि तंबाकू और शराब कैंसर होने का मुख्य कारण है. अगर कोई व्यक्ति स्मोकिंग और शराब का एक साथ सेवन करता है तो कैंसर होने का खतरा चार गुना बढ़ जाता है. मोटापा से ब्रेस्ट, ओवेरियन समेत 11 तरह के कैंसर हो सकते हैं. लंबे समय तक तेज मसालों के साथ रेड मीट खाने से कोलन या रेक्टल का कैंसर बढ़ता है. इसके अलावा प्रोसेस्ड फूड से भी इस बीमारी का रिस्क बढ़ता है. दरअसल इसमें सैचुरेटेड फैट और रिफाइंड शुगर खाने से शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस बनता है, इसकी वजह से कैंसर ट्रिगर हो सकता है.
तंबाकू, स्मोकिंग और शराब से दूर रहें
जो लोग तंबाकू खाते हैं उन्हें मुंह, फेफड़ों और पेट से जुड़ा कैंसर होता है. यह बात हर कोई जानता है. तंबाकू की तरह स्मोकिंग और शराब पीना भी सेहत को खतरे में डालता है. जो लोग स्मोकिंग करते हैं उन्हें 87% तक लंग्स कैंसर होने का खतरा रहता है. शराब ब्रेस्ट और लीवर के कैंसर को बढ़ावा देती है. ACIBADEM में छपी रिपोर्ट के अनुसार जो लोग 14 ग्राम यानी 360ml बीयर, 150ml वाइन, 45ml विस्की का सेवन हर रोज करते हैं उनमें 23% ब्रेस्ट कैंसर, 17% कोलन कैंसर और 20% खाने की नली यानी एसोफैगल कैंसर होने का खतरा बढ़ता है.
मोटापा भी कर सकता है कैंसर?
दुनियाभर में मोटापा अभिशाप बनता जा रहा है. दुनिया में 8 में से 1 व्यक्ति इस बीमारी से जूझ रहा है. बच्चों में भी मोटापा तेजी से बढ़ रहा है. मोटापा केवल थायराइड या डायबिटीज ही नहीं करता बल्कि ब्रेस्ट कैंसर, पेट के कैंसर और गर्भाशय के कैंसर के खतरे को भी 30% तक बढ़ा देता है. वहीं, जो लोग मोटे होते हैं वह चीनी अक्सर अधिक मात्रा में खाते हैं. जिन मिठाइयों या फूड आइटम में शुगर ज्यादा होती है, वह मोटापे के साथ इंसुलिन को बढ़ाते हैं जो कैंसर से जुड़े सेलुलर विभाजन को ट्रिगर कर सकता है. यानी मीठा खाने का शौक भी इस बीमारी की वजह बन सकती है.
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सनस्क्रीन लगाना जरूरी
सूरज की अल्ट्रावॉइलेंट किरणें स्किन कैंसर का कारण बन सकती हैं. कनाडा, यूके जैसे देशों में इसका असर ज्यादा देखने को मिलता है लेकिन भारत में भी स्किन ट्यूमर के मामले देखे जाते हैं. हालांकि इनकी संख्या कम है. दरअसल अल्ट्रावॉइलेंट किरणें डीएनए को तोड़ देती हैं . जिन लोगों को 25 साल की उम्र से पहले हद से ज्यादा स्किन बर्न होते हैं, उनमें स्किन कैंसर के मामले ज्यादा देखे गए हैं. हमेशा सुबह 10 से शाम 4 बजे तक धूप से बचना चाहिए और घर में और बाहर निकलते समय सनस्क्रीन लगाना बेहद जरूरी है.
वेस्टर्न स्टाइल डाइट से करें तौबा
आजकल कई लोग वेस्टर्न स्टाइल डाइट को अपनाते हैं. इस डाइट में सैचुरेटेड फैट एसिड और रेड मीट शामिल होता है जो 45% तक कोलन कैंसर का रिस्क बढ़ाता है. वहीं फास्ट फूड और पैक्ड फूड में कई तरह के खतरनाक केमिकल, रिफाइंड शुगर होते हैं जो प्रोस्टेट कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकते हैं.
बारबेक्यू मीट और सब्जी खाने से बचें
कई लोगों को बारबेक्यू मीट और सब्जी खाना बेहद पसंद होता है. जो लोग इसे लगातार खाते हैं, उन्हें सावधान होने की जरूरत है. कैंसर सेंटर की स्टडी में सामने आया कि लगातार कोयले की आंच में धीमे-धीमे पका हुआ यह फूड आइटम कैंसर का कारण बन सकता है. दरअसल इस प्रक्रिया में पायरोलिसेट और कई तरह के अमीनो एसिड निकलते हैं जो शरीर के लिए खतरनाक हैं. इससे गैस्ट्रिक और आंतों से जुड़ा कैंसर हो सकता है. ग्रिल खाना भी इसकी वजह बनता है. तेज आंच पर खाना पकाने से हेट्रोसाइक्लिक एरोमैटिक एमाइन (एचसीए) और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) जैसे केमिकल निकलते हैं जो इस बीमारी को पनपने का मौका देते हैं.
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First Published :
February 04, 2025, 14:05 IST