Last Updated:February 07, 2025, 12:10 IST
Retail Inflation : रिजर्व बैंक ने एमपीसी बैठक के बाद खुदरा महंगाई को लेकर अपना अनुमान बताया है. इसमें कहा गया है कि आगे खुदरा महंगाई की दर 5 फीसदी से भी नीचे रहने की संभावना है, जिससे आम आदमी को राहत मिलेगी.
हाइलाइट्स
- आरबीआई ने ब्याज दरें घटाकर लोन सस्ता किया.
- खुदरा महंगाई दर 5% से नीचे रहने की संभावना.
- खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय कमी की उम्मीद.
नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ने आम आदमी के दोनों हाथों में लड्डू थमा दिए हैं. एक तरफ तो ब्याज दरें घटाकर लोन सस्ता कर दिया और दूसरी ओर कम खर्चे का भी इंतजाम कर दिया है. लोन सस्ता होने से आम आदमी के हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे तो महंगाई दर घटने से कम खर्चे का भी मौका मिलेगा. आरबीआई ने शुक्रवार को खाद्य वस्तुओं के दाम में नरमी की उम्मीद से अगले वित्त वर्ष (2025-26) में खुदरा महंगाई दर 4.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. चालू वित्तवर्ष में इसके 4.8 फीसदी के अनुमान को बरकरार रखा है.
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने चालू वित्तवर्ष की अंतिम द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि आपूर्ति के मार्चे पर किसी झटके की आशंका नहीं है. इसके साथ खरीफ की फसलों का उत्पादन बेहतर रहने, जाड़े में सब्जियों के दाम में नरमी और रबी की फसलों को लेकर अनुकूल संभावनाओं को देखते हुए खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय कमी आनी चाहिए.
बुनियादी महंगाई दर बढ़ने का अनुमान
उन्होंने कहा कि मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान है, लेकिन यह मध्यम स्तर पर रहेगी. मल्होत्रा ने कहा कि दूसरी तरफ ऊर्जा के दाम में अस्थिरता और प्रतिकूल मौसम की घटनाओं के साथ वैश्विक वित्तीय बाजारों में जारी अनिश्चितता को देखते हुए मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम बना हुआ है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए 2024-25 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति चालू वित्तवर्ष में 4.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
आगे भी नरम रहेगी महंगाई
मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अपनी पहली बैठक के बाद कहा, ‘अगले साल मानसून सामान्य रहने के अनुमान के साथ 2025-26 में खुदरा महंगाई 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है. पहली तिमाही में इसके 4.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 4.0 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.2 प्रतिशत रहने की संभावना है.’
दिसंबर में 4 महीने के निचले स्तर पर थी महंगाई
आरबीआई ने अपनी पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में 2024-25 के लिए सकल मुद्रास्फीति 4.8 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. चौथी तिमाही में इसके 4.5 प्रतिशत पर रहने की संभावना जताई थी. वित्तवर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए खुदरा महंगाई 4.6 प्रतिशत तथा दूसरी तिमाही में 4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था. खुदरा महंगाई दिसंबर में घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.22 फीसदी पर आ गई. इसका मुख्य कारण सब्जियों सहित खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी है. नवंबर में यह 5.48 प्रतिशत पर थी. दिसंबर तक कुल मुद्रास्फीति में सब्जियों और दालों का योगदान 32.3 प्रतिशत था.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 07, 2025, 12:10 IST