चीकू को विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में चढ़ाया जाता है.
काजल मनोहर/जयपुर. आलू की तरह दिखने वाले चीकू को अनेक औषधीय गुणों की खान माना जाता है. चीकू हर मौसम में आसानी से मिल जाता है. इस पौधे को भारत में अमेरिका से लाया गया था. यह लगभग 6-10 मीटर ऊंचा छोटे शाखाएं वाला पेड़ होता है. इसके फूल सफेद और पीले रंग के होते हैं. चीकू के पौधे में पूरे साल फल लगता है. इस फल में भरपूर शक्ति वर्धक पोषक तत्व मौजूद रहते हैं
आयुष चिकित्सक ओम प्रकाश यादव पीएचसी बागावास ने लोकल 18 को बताया कि चीकू का फल पौष्टिकता से भरपूर होता है. यह शरीर की कमजोरी को दूर करता है. रोजाना एक दो फल खाने से शरीर हष्ट पुष्ट होता है. इसके अलावा चीकू की छाल का काढ़ा बनाकर 5-10 मिली मात्रा पीने से बुखार में जल्दी राहत मिलती है. वहीं, चीकू का सेवन आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है. चीकू में भरपूर मात्रा में विटामिन A पाया जाता है. जो आंखों को स्वस्थ रखता है. चीकू का सेवन हड्डियों को मजबूत बनाता है. इसमें यह फल भरपूर शक्ति वर्धक गुणों वाला फल माना जाता है. इस फल में कैल्शियम, आयरन व अन्य तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा चीकू का फल वजन को संतुलित करने में बहुत उपयोगी है. यह मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है.
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चीकू के धार्मिक महत्व
चीकू मुख्य रूप से उसके स्वास्थ्य लाभों और भारतीय संस्कृति में इसकी उपस्थिति से जुड़ा है. इसे पवित्र माना जाता है और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में चढ़ाया जाता है. कुछ स्थानों पर इसे समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा, चीकू का पेड़ पर्यावरण के लिए भी महत्वपूर्ण है और इसे संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया जाता है.
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FIRST PUBLISHED :
September 24, 2024, 11:46 IST
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