ग्वालियर की सबसे पहले फोर्ड कार जिसे इंग्लैंड से मंगाया गया था आज भी है म्यूजियम
ग्वालियर: गाड़ियों का शौक रखने वाले लोग आज के जमाने में नहीं बल्कि आजादी के पहले से चले आ रहे हैं. साल 1900 के आस-पाल भारत में गिनती की गाड़ियां थी, जिसे सिर्फ अमीर और शाही परिवार के लोग ही खरीद पाते थे. तब के समय में, ग्वालियर की सबसे पहली कार के रूप में मशहूर 1902 की फोर्ड कार सिंधिया परिवार द्वारा इंग्लैंड से खरीदी गई थी. यह कार आज भी ग्वालियर के संग्रहालय में सुरक्षित रखी गई है और इसे देखने के लिए लोग आते हैं. आइए जानते हैं इस कार की खासियतें.
कार के लिए बनवाई गई थी खास सड़क
जब 1902 में फोर्ड कार को इंग्लैंड से ग्वालियर लाया गया, तो शहर में कार चलाने के लिए उचित सड़कें नहीं थीं. इसलिए, इस कार को अच्छे से चलाने के लिए सबसे पहले ग्वालियर शहर में अच्छी सड़कें बनाई गईं और इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर किया गया, ताकि कार को चलाया जा सके.
ग्वालियर की पहली कार बनी थी शान
यह कार ग्वालियर शहर की सबसे पहली कार थी, जिसे सिंधिया राजघराने ने 1902 में इंग्लैंड से मंगवाया था. उस समय यह कार दुनिया की कुछ चुनिंदा और महंगी कारों में से एक थी. इसलिए, इसे ग्वालियर की सबसे पहले कार के रूप में भी जाना जाता है, जिसने शहर में आधुनिकता की शुरुआत की थी.
अभी कहां है कार?
जब यह कार समय के साथ पुरानी हो गई, तो इसे सिंधिया परिवार ने संग्रहालय को दान कर दिया. आज यह कार ग्वालियर के मोती महल रोड स्थित नगर निगम संग्रहालय में सुरक्षित रखी गई है, जहां लोग इसे देख सकते हैं और इस ऐतिहासिक धरोहर को करीब से जान सकते हैं. सिंधिया परिवार ने 1902 में ग्वालियर में फोर्ड कार खरीदने का उद्देश्य मुख्य रूप से अपने देसी और विदेशी मेहमानों को शहर में घुमाने और उन्हें लाने-ले जाने के लिए किया था. यह कार सिंधिया राजघराने के वाहन बेड़े का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी रही और इसका उपयोग विशेष अवसरों पर किया जाता था.
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FIRST PUBLISHED :
September 30, 2024, 15:04 IST