इस ऊनी कपड़े को पहन लिया तो ठंड क्या बर्फ और बारिश भी होगी बेअसर, जानें खासियत

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Last Updated:January 18, 2025, 07:20 IST

Bageshwar: मैदानी इलाकों की तुलना में पहाडों पर बहुत ठंड होती है. यहां बारिश और बर्फबारी भी खूब होती है. इससे बचने के लिए पहाड़ों के लोग एक खास तरह का कपड़ा पहनते हैं जो न केवल ठंड बचाता है बल्कि बारिश और बर्फ को...और पढ़ें

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दौंखा

दौंखा पहने हुए व्यक्ति 

बागेश्वर: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के पहनावे की अपनी खास पहचान है. यहां विभिन्न प्रकार की जनजातियां अलग-अलग पारंपरिक वेशभूषा पहनती है. ठीक ऐसे ही भोटिया समाज के लोग अधिकतर उच्च हिमालय क्षेत्र में रहते हैं. इसलिए वे ठंड से बचने के लिए दौंखा पहनते हैं. दौंखा एक प्रकार का गर्म ओवरकोट होता है. यह शुद्ध देसी ऊन से तैयार होता है. इसे खासतौर पर बर्फीले इलाकों के लिए बनाया गया है. इसे पहनने के बाद शॉल या जैकेट की जरूरत नहीं होती है. यह कंधे से लेकर घुटनों तक के हिस्से को कवर कर लेता है.

एक बार खरीद लिया तो दस साल की छुट्टी
गढ़वाल के नीति गांव से बागेश्वर उत्तरायणी मेले में आए बच्चन सिंह ने लोकल 18 को बताया कि दौंखा बेहद ही गर्म ऊनी कपड़ा है. इसे भेड़ के बालों से तैयार किया जाता है. एक बार खरीदने के बाद यह 10 से 15 साल तक चलता है. दौंखा छोटे-बड़े दोनों साइज में बनाया जाता है. शरीर में एक लेयर कपड़े पहनने के बाद इसे पहना जाता है. इसे बुग्यालों में रहने वाले चरवाहों के लिए बनाया जाता है. वैसे तो यह पुरूषों के लिए बनाया जाता है. लेकिन महिलाएं भी इसे पहन सकती हैं.

वॉटर प्रूफ होता है
ये पानी और बर्फ को रोकने में मददगार होता है यानि कि वाटरप्रूफ होता है. इसकी गर्माहट के सामने आधुनिक समय की जैकेट फेल है. इसलिए उच्च हिमालयी क्षेत्रों के लोग इसे पहनना पसंद करते हैं. इस बार बागेश्वर के उत्तरायणी मेले में दौंखा लोगों को खूब पसंद आ रहा है. नीति गांव के व्यापारी बागेश्वर सरस मार्केट में इसे बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी दुकान पर 1000 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक के दौंखा उपलब्ध है. वे दावा कर रहे हैं कि इसे पहनने के बाद बर्फ में भी आपको ठंड महसूस नहीं होगी.

दौंखा बनाने का अनोखा तरीका 
भेड़ के बालों से ऊनी कपड़े बनाने के लिए सबसे पहले भेड़ों के बाल काटे जाते हैं. बालों को साफ किया जाता है. उन्हें धागे में बदलकर कपड़े बनाए जाते हैं. दौंखा बनाने के लिए पहले ऊन को फैलाया जाता है. ऊन को चरखे में घुमाया जाता है. धागे को मजबूत बनाने के लिए दो या अधिक धागों को एक साथ घुमाया जाता है. धागे को बुना जाता है या फिर इसका कपड़ा बनाया जाता है. इस ऊनी कपड़े की सिलाई कर दौंखा तैयार किया जाता है.

Location :

Bageshwar,Uttarakhand

First Published :

January 18, 2025, 07:20 IST

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