इस छोरे से प्रेरणा लीजिये, 4 साल पहले US से हुए डिपोर्ट, फिर ऐसे उतारा कर्ज

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Agency:News18 Haryana

Last Updated:February 07, 2025, 11:51 IST

US Illegal Indians Deport: अंकित की प्रेरणादायक कहानी: 32 लाख खर्च कर अमेरिका जाने के बाद डिपोर्ट हुए, अब करनाल में कैफे चला रहे हैं. उन्होंने कर्ज उतारा और दूसरों को सही रास्ता अपनाने की सलाह दी.

इस छोरे से प्रेरणा लीजिये, 4 साल पहले US से हुए डिपोर्ट, फिर ऐसे उतारा कर्ज

साल 2019 में 32 लाख रुपए खर्च करके अंकित डोंकी रूट के माध्यम से अमेरिका गए थे

हाइलाइट्स

  • अंकित ने अमेरिका से डिपोर्ट होने के बाद करनाल में कैफे खोला.
  • अंकित ने मेहनत से सारा कर्ज उतारा और अब होटल खोलने की योजना है.
  • अंकित ने डोंकी रूट से अमेरिका जाने से मना किया.

करनाल. हरियाणा के करनाल के अंकित की कहानी अवैध रूप से अमेरिका मे एंट्र होने वाली प्रवासी भारतीय के लिए प्रेरणादायक है. युवक 2020 में डिपोर्ट हुआ था और फिर यहां पर करनाल में ही उसने अपना काम शुरू किया.

जानकारी के अनुसार, करनाल के कैमला गांव के रहने वाले अंकित की कहानी बहुत ही प्रेरणादायक है. क्योंकि अब वह करनाल में अपना कैफे चला रहे हैं और बस स्टैंड के पास जल्द ही अपना होटल भी शुरू करने वाले हैं.

दरअसल, साल 2019 में 32 लाख रुपए खर्च करके अंकित डोंकी रूट के माध्यम से अमेरिका गए थे और बाद में वह वहां पर पकड़े गए थे. अंकित ने उसके बाद यहां पर अपना कैफे खोला है और उसे चला रहे हैं. अंकित भी ब्राजील, इथोपिया, पनाम, इक्वाडोर सहित कई देशों की यात्रा के बाद अमेरिका पहुंचे थे और फिर वह पर कई दिन डिटेंशन सेंटर में रहे थे. लेकिन उनका बॉन्ड नहीं भरा गया, जिससे उन्हें वापस आना पड़ा और उनके सारे पैसे बर्बाद हो गए. 2020 में अंकित वापस भारत लौट आए और अब अपना कैफे चला रहे हैं. वह कहते हैं कि लोग डॉंकी रूट से अमेरिका ना जाएं.

अंकित ने अमेरिका जाने के लिए कर्ज लिया था, लेकिन जब उन्होंने मैक्सिको की दीवार पार की, तो उन्हें जेल में डाल दिया गया. उनका बॉन्ड नहीं भरा गया और उन्हें कई दिनों तक जेल में रहना पड़ा. अंकित ने बताया कि उन्होंने अपनी दिवाली भी जेल में मनाई थी. अंकित ने बताया कि उन्होंने दिल्ली से इथोपिया, फिर ब्राजील की फ्लाइट ली. ब्राजील में कुछ दिन कैंप में बिताए और फिर सड़क के रास्ते पेरु पहुंचे. पेरु से 28 घंटे का बस सफर किया और फिर एक्वाडोर पहुंचे. वहां से कोलंबिया, फिर समुद्र के रास्ते पनामा पहुंचे. पनामा के जंगलों को पार करने में 5 दिन लगे. वहां माफिया भी मिलते थे जो डॉलर और कीमती सामान छीन लेते थे.

पनामा के कैंप में कई दिन बिताए

इसके बाद अंकित ने पनामा के कैंप में कई दिन बिताए और फिर सड़क के माध्यम से कोस्टा रिका, निकारागुआ, होंडुरास और ग्वाटेमाला होते हुए मैक्सिको पहुंचे. मैक्सिको से यूएसए के बॉर्डर तक बस ली और दीवार पार करके अमेरिका में प्रवेश किया. वहां उन्हें अलग-अलग कैंप और जेल में कई दिन बिताने पड़े. अंकित ने बताया कि जेल में टॉर्चर किया जाता था और समय पर खाना भी नहीं मिलता था. जब बॉन्ड भरने की बारी आई, तो उनका बॉन्ड नहीं भरा गया और उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया. अंकित ने कहा कि तब ट्रंप की सरकार थी और उन्होंने युवाओं से अपील की कि डोंकी के रास्ते ना जाएं, सही रास्ता अपनाएं और अगर पैसे हैं तो यहीं रहकर काम करें.

अपना सारा कर्ज उतारा

अंकित 2020 में वापस भारत आ गए और अब अपना कैफे चला रहे हैं. उन्होंने मेहनत करके अपना कर्जा उतारा और अब कभी विदेश नहीं जाना चाहते. अंकित ने बाकी लोगों को भी सलाह दी कि डोंकी के माध्यम से ना जाएं और जो लोग वापस आए हैं, वे मजबूत रहें. अंकित की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सही रास्ता अपनाना ही सबसे अच्छा होता है और मेहनत से सब कुछ हासिल किया जा सकता है. गौरतलब ह कि हाल ही में अमेरिका ने कुल 107 लोगों को डिपोर्ट किया है, जिनमें सबसे अधिक हरियाणा से 33 लोग हैं. ये सभी लोग घर, जमीन बेचकर और कर्जा लेकर अमेरिका जाने के लिए निकले थे. हालांकि, अब सभी घर लौट आए हैं और तनाव में हैं.

Location :

Karnal,Karnal,Haryana

First Published :

February 07, 2025, 11:51 IST

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