इस लड़के का गजब जुनून, महाकुंभ में स्नान करने दौड़ते हुए पहुंचेगा प्रयागराज

2 hours ago 1

Agency:News18 Bihar

Last Updated:February 06, 2025, 16:35 IST

सुपौल के रहने वाले एक शख्स ने बिना घरवालों को बताए प्रयागराज तक दौड़कर जाने का फैसला किया. अब तक लगभग 300 किमी की यात्रा पूरी करके वह पटना पहुंच चुके हैं और आगे भी इतना ही किमी का सफर बाकी है.

X

दौड़ते

दौड़ते हुए महाकुंभ जाएगा सुपौल का रूपेश धावक 

हाइलाइट्स

  • रुपेश धावक बिना बताए प्रयागराज दौड़ते हुए जा रहे हैं.
  • 300 किमी का सफर तय कर पटना पहुंचे, 610 किमी की यात्रा.
  • देश के लिए दौड़ में गोल्ड मेडल जीतने का सपना.

पटना:- “चाहे रास्ते में जान भी चली जाए, लेकिन मैं दौड़ते हुए प्रयागराज जाऊंगा!” ये कहना है बिहार के सुपौल जिले के कोसलीपट्टी गांव के रहने वाले रुपेश धावक का, जो महाकुंभ में गंगा स्नान करने के लिए प्रयागराज दौड़ते हुए जा रहे हैं. अबतक लगभग 300 किमी का सफर तय करके पटना पहुंचे और फिर पटना जंक्शन पर एक दिन आराम करते हुए आगे के लिए रवाना हो गए. अब इसे आस्था कहिए या जुनून, लेकिन रुपेश धावक का हौसला बुलंद है. उनका सपना है कि वे देश के लिए दौड़ में गोल्ड मेडल जीते.

600 किलोमीटर की दौड़
सुपौल से प्रयागराज की दूरी लगभग 610 किमी है. रुपेश ने बिना घरवालों को बताए प्रयागराज तक दौड़कर जाने का फैसला किया. अब तक लगभग 300 किमी की यात्रा पूरी करके वह पटना पहुंच चुके हैं और आगे भी इतना ही किमी का सफर बाकी है. इस यात्रा में वे किसी वाहन का सहारा नहीं ले रहे हैं. उन्होंने लोकल 18 को बताया कि अचानक एक दिन मेरे दिमाग में यह ख्याल आया कि मुझे प्रयागराज जाना है. चूंकि मैं हमेशा दौड़ता रहता हूं. इसीलिए दौड़ते हुए प्रयागराज जाने का मैंने ठान लिया. अब मैं ऐसे ही दौड़ते हुए जाऊंगा, रास्ते में कहीं भी किसी साधन का उपयोग नहीं करूंगा. चाहे मैं रास्ते में मर क्यों ना जाऊं, लेकिन मैं दौड़ते हुए महाकुंभ जाऊंगा.

‘जब तक शरीर थक ना जाए, तब तक दौड़ता हूं’
रुपेश धावक दावा करते हैं कि वो एक दिन में लगभग 100 किलोमीटर तक दौड़ते हैं, फिर शरीर जब जवाब देने लगता है, तो वहां एक या दो दिन रेस्ट करते हैं. जब शरीर में एनर्जी बन जाता है तो फिर आगे दौड़ने लगते हैं. इन्होंने यह भी दावा किया कि उनके अंदर लगातार 10 घंटे दौड़ने की क्षमता है. हालांकि इसकी पुष्टि Local 18 नहीं करता है.

घरवालों की चिंता, लेकिन जुनून की जिद
रुपेश अपने परिवार के इकलौते बेटे हैं. उन्होंने बताया कि अगर घरवालों से पूछकर आते, तो शायद यह यात्रा कभी शुरू ही नहीं होती. इसलिए उन्होंने सिर्फ अपने एक रिश्तेदार भाई को इस बारे में बताया और निकल पड़े. अब जबतक प्रयागराज नहीं पहुंच जाते, तब तक लौटने का कोई इरादा नहीं है.

इस सफर में उन्हें तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस सफर में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कभी-कभी सड़क किनारे बैठकर रोता भी हूं, खाने के पैसे भी नहीं हैं. लेकिन तब तक दौड़ता रहता हूं, जब तक पूरी तरह से थक न जाऊं. मैं जो ठान लेता हूं, उसे पूरा करके ही रहता हूं. इसलिए अब प्रयागराज जाने के लिए निकला हूं. लाख परेशानियां आएं, लेकिन जब तक वहां डूबकी नहीं लगा लेता, मैं वापस घर नहीं जाने वाला हूं.

ये भी पढ़ें:- दर्जनों भूमि स्वामियों की दर्दभरी कहानी…जमीन पर बना दिया गया फोर-लेन सड़क, अब तक नहीं मिला मुआवजा

देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना है सपना
रुपेश धावक बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं और अग्निवीर भर्ती की तैयारी कर रहे हैं. उनके अंदर देश के लिए दौड़ में गोल्ड मेडल जीतने का जज्बा है. इसके लिए वे लगातार मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अग्निवीर भर्ती में हिस्सा ले चुका हूं. इसी महीने फाइनल मेरिट लिस्ट आने वाली है. रुपेश बताते हैं कि उन्हें बचपन से दौड़ने का जुनून सवार है. सहरसा के हवाई अड्डा ग्राउंड पर वे दूसरे युवाओं के साथ प्रैक्टिस करते हैं. अपने सफर का रील बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं.

First Published :

February 06, 2025, 16:35 IST

homebihar

इस लड़के का गजब जुनून, महाकुंभ में स्नान करने दौड़ते हुए पहुंचेगा प्रयागराज

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article