Last Updated:February 06, 2025, 05:01 IST
दिल्ली में शाम 6 बजे तक वोटिंग का आंकड़ा बता रहा है कि मतदान 2020 से करीब 2 फीसदी कम हुआ है. यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है, लेकिन जिस तरह आखिरी घंटों में वोटिंग में तेजी आई है, उससे दिल्ली का नतीजा कुछ ...और पढ़ें
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दिल्ली का वोटिंग टर्नआउट बता रहा है कि नतीजों के दिन बाजी कुछ और भी हो सकती है.
हाइलाइट्स
- दिल्ली में सबसे ज्यादा वोटिंग दोपहर के बाद हुई, जो बदल सकती है समीकरण.
- महाराष्ट्र में भी आखिरी घंटों में तेजी से हुई थी वोटिंग, जिससे बदला था पूरा गेम.
- 2020 में कम वोट पड़े तो केजरीवाल की पार्टी को पहले के मुकाबले कम सीटें मिलीं.
एग्जिट पोल ने दिल्ली की तस्वीर काफी हद तक साफ कर दी है. लेकिन रुकिये. अभी असली खेल होना बाकी है. चुनाव आयोग की ओर से जारी वोटिंग के आंकड़ों को देखें तो साफ पता चलता है कि आखिरी घंटों की वोटिंग से गेम पलट सकता है. क्योंकि जिन एजेंसियों ने एग्जिट पोल किए हैं, सबने आंकड़े दोपहर तक जुटाए हैं. लेकिन दिल्ली में सबसे ज्यादा वोटिंग उसके बाद हुई है. यह ठीक उसी तरह है, जैसे महाराष्ट्र में हुआ था. इसे आप कुछ इस तरह समझ सकते हैं.
बुधवार सुबह जब वोटिंग की शुरुआत हुई तो सुबह नौ बजे तक 8.10 प्रतिशत मतदान हुआ था. दोपहर तक तो वोटिंग काफी धीमी थी. लेकिन 1 बजते ही लोगों का हुजूम इस तरह उमड़ा कि सारे रिकॉर्ड टूटते नजर आए. 1 बजे तक जहां सिर्फ 33.31% वोट पड़े थे, वहीं अगले दो घंटे में यानी 3 बजे यह आंकड़ा 46.55% को पार करता नजर आया. शाम 5 बजे तक यह आंकड़ा 57.7 फीसदी तक पहुंच गया. यह 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में 5 बजे तक पड़े वोटों से 3 फीसदी ज्यादा था. इसके बाद चुनाव आयोग ने 6 बजे तक का जो आंकड़ा जारी किया उसके मुताबिक, 60.10 फीसदी वोट पड़ा. यह पिछले विधानसभा चुनाव से 2.5 फीसदी कम है. वोटिंग परसेंट बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि अभी फाइनल आंकड़ा नहीं आया है.
महाराष्ट्र कनेक्शन से समझिए
लेकिन यह ठीक उसी तरह का है, जैसा महाराष्ट्र के चुनाव में हुआ था. जब दोपहर बाद अचानक वोटिंग बढ़ गई थी. महाराष्ट्र में दोपहर 1 बजे तक सिर्फ 32.18 फीसदी वोटिंग ही हुई थी, लेकिन 3 बजे यह 45.53 फीसदी और रात में बढ़कर 65.02 फीसदी तक पहुंच गया. महाराष्ट्र में वोटिंग परसेंट में हुआ बदलाव वहां बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हुआ और वहां सरकार चला रही महायुति को बंपर जीत मिली. तो क्या दिल्ली में भी ऐसा खेला होना बाकी है? एक्सपर्ट के मुताबिक, कुछ भी हो सकता है. लेकिन जिस तरह सारे एग्जिट पोल बीजेपी की जीत के संकेत दे रहे हैं, उससे बीजेपी की बड़ी जीत भी संभव है.
क्या कहता है दिल्ली का वोटिंग पैटर्न
1. दिल्ली में 2020 में 62.59 फीसदी वोट पड़े थे, जबकि इससे पहले 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में 67.13% मतदान हुआ था. दोनों ही बार आम आदमी पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की थी. हालांकि, 2015 में जब ज्यादा वोटिंग हुई थी तो आम आदमी पार्टी को 67 सीटों पर जीत मिली थी. लेकिन 2020 में जब उससे कम वोट पड़े तो केजरीवाल की पार्टी को 62 सीटें हासिल हुईं.
2. दिल्ली में 1993 से अब तक हुए 7 विधानसभा चुनावों का पैटर्न बताता है कि जो भी पार्टी यहां 40 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल करती है, वही सरकार बनाती है. सिर्फ एक बार 2013 में किसी पार्टी को 40 फीसदी वोट नहीं मिला और नतीजा कोई भी पार्टी अपने दम पर सरकार नहीं बना पाई. इसका मतलब साफ है कि दिल्ली जीतने के लिए 40 फीसदी वोट जरूरी है.
3. इस बार के चुनाव में लग रहा है कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों को 40 फीसदी से ज्यादा वोट मिल रहे हैं. अगर ऐसा हुआ तो ऊंट किस करवट बैठेगा, कहा नहीं जा सकता. सबसे ज्यादा असर आखिरी घंटों में पड़े वोट का है. कौन सी पार्टी अपने वोटर्स को खींचकर बूथ तक ले आई है, नतीजों से ये भी तय हो जाएगा.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 06, 2025, 05:01 IST