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Ravi Pradosh Vrat 2025: इस साल फरवरी माह का पहला व्रत त्रयोदशी की तिथि पर 9 फरवरी को पड़ रहा है। इस दिन रविवार है, इस कारण इसे रवि प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जा रहा। यह तिथि भगवान शिव को समर्पित है, इस दिन संध्या काल में भोलेनाथ व उनके कुटुंब की विधिवत उपासना की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि भोलेनाथ को मनाना बेहद मुश्किल होता है और उनका क्रोध बहुत भयानक होता है, ऐसे में आइए जानते हैं कि इस दिन क्या नहीं करना चाहिए...
क्या है शुभ महूर्त?
माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 9 फरवरी की शाम 07.25 बजे शुरू होगी और 10 फरवरी की शाम 06.57 बजे तक रहेगी। चूंकि प्रदोष काल में भोले बाबा की पूजा करना शुभ माना गया है। ऐसे में 9 फरवरी को ही प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। शिव उपासना के लिए 9 फरवरी की शाम 7.00 से 08.42 बजे तक का समय शुभ है।
कैसे करना है पूजा?
माना जाता है कि प्रदोष व्रत की पूजा से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं, ऐसे में इस दिन शिवलिंग का पंचामृत जिसमें दूध,दही,घी,शहद और गुड़ होता है, से अभिषेक करें। इसके बाद गंगा जल या साफ जल से अभिषेक करें। अब शिवलिंग पर बेलपत्र, फल,फूल,धूप-दीप और नौवैद्य चढ़ाएं। इस पूजा के बाद जातक को ॐ नम: शिवाय मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए और अंत में शिव जी की आरती उतारनी चाहिए। इसके अलावा, साधक शिव तांडव स्तोत्र और शिव चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।
क्या न करें?
इस दिन साधक को किसी भी हाल में तामसिक भोजन (मांस,मदिरा या फिर प्याज लहसुन) नहीं करना चाहिए। साथ इस दिन किसी भी हाल में साधक को अपने मन में गलत विचार नहीं लाना चाहिए। कोशिश करें कि भोजन में नमक का सेवन न करें और इसकी जगह फल और जल का सेवन करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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