जानिए क्या है इंडो-इजराइल फार्म तकनीक, कैसे बदल रही है ये किसानों की तकदीर

2 hours ago 1

Agency:News18 Uttar Pradesh

Last Updated:February 06, 2025, 10:05 IST

इंडो-इजराइल फार्म में तैयार किए गए सब्जी के पौधों की कीमत मात्र ₹2 प्रति पौधा होती है. यदि किसान अपनी नर्सरी तैयार करवाना चाहते हैं, तो उन्हें बीज के साथ ₹1 प्रति पौधा शुल्क देना होता है.

X

Local

Local 18 Basti 

बस्ती: कृषकों के लिए खुशखबरी है कि अब वे इंडो-इजराइल फार्म की तकनीक से अधिक उत्पादन और बेहतर गुणवत्ता वाली फसल की नर्सरी प्राप्त कर सकते है. कृषि क्षेत्र में यह तकनीक किसानों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रहा है. इस तकनीक का उपयोग कर किसान न केवल अपनी कृषि को आधुनिक बना सकते हैं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी समृद्ध हो सकते हैं. फार्म के इंचार्ज अखिलेश कुमार ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि हर मौसम के लिए इंडो-इजराइल बंजरिया फार्म सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है.

उन्होंने बताया कि किसानों को अब उन्नतशील किस्म के पौधे उपलब्ध हो रहे हैं, जिन्हें वे अपने खेतों में लगाकर कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. यदि कोई किसान अपने खुद के बीज का उपयोग करते हुए नर्सरी तैयार करवाना चाहता है, तो वह फार्म से संपर्क कर अपनी नर्सरी लगवा सकता है. इसके लिए मात्र ₹1 प्रति पौधा चार्ज लिया जाता है और 30 दिनों के भीतर नर्सरी तैयार करके पौधे किसानों को उपलब्ध कराए जाते हैं.

क्या है इंडो-इजराइल तकनीक से पौधे तैयार करने की प्रक्रिया

अखिलेश कुमार बताते है कि इंडो-इजराइल फार्म में इजराइल तकनीक का उपयोग करते हुए पौधे तैयार किए जाते हैं. इसके तहत उन्नतशील बीजों का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें पॉलीहाउस में विकसित करने के लिए रखा जाता है. यहां पौधों को कोकोपीट, परलाइट और वर्मी कोलाइट जैसी सामग्री मिलाकर पालीहाउस में उपयुक्त तापमान पर रखा जाता है. 30 दिनों के भीतर जब पौधे तैयार हो जाते हैं, तब इन्हें किसानों को बिक्री के लिए उपलब्ध करा दिया जाता है.

पौधों की कीमत और नर्सरी शुल्क

इंडो-इजराइल फार्म में तैयार किए गए सब्जी के पौधों की कीमत मात्र ₹2 प्रति पौधा होती है. यदि किसान अपनी नर्सरी तैयार करवाना चाहते हैं, तो उन्हें बीज के साथ ₹1 प्रति पौधा शुल्क देना होता है. नर्सरी तैयार होने के बाद, किसान अपने खेतों में इन पौधों का रोपण कर सकते हैं और बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं.

इंडो-इजराइल तकनीक का लाभ

इंडो-इजराइल तकनीक में वातानुकूलित माहौल और ड्रिप इरिगेशन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जिससे पौधों की गुणवत्ता में सुधार होता है. इसके साथ ही, पौधों के बीजों का संवर्धन भी किया जा सकता है, जिससे किसानों को अच्छी उपज मिलती है और उनका आर्थिक स्तर भी बेहतर होता है. इस तकनीक का उपयोग करके किसान अपनी खेती को अधिक लाभकारी बना सकते हैं.

वर्तमान में उपलब्ध पौधे

फार्म के इंचार्ज अखिलेश कुमार बताते हैं कि इस समय लौकी (काशी गंगा), लोबिया (काशी निधि), करेला (BNR की कटाही), भिंडी (काशी गंगा) , नेनुआ (क्लॉज), कद्दू (काशी हरित) जैसी सब्जियों के पौधे उपलब्ध हैं. इन पौधों की नर्सरी जनवरी से तैयार हो जाती है और फिर हर महीने क्रमिक रूप से फसल की तैयारी होती है.

Location :

Basti,Basti,Uttar Pradesh

First Published :

February 06, 2025, 10:05 IST

homeagriculture

जानिए क्या है इंडो-इजराइल फार्म तकनीक, कैसे बदल रही है ये किसानों की तकदीर

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article