हिंदू धर्म में अनेक तीथियां जो बेहद पावन मानी गई है, उनमें से एक है त्रयोदशी तिथि। यह तिथि भगवान शिव को समर्पित है, इस दिन भक्त प्रदोष व्रत रखते है। माना गया है कि प्रदोष व्रत के दौरान भोले शंकर का पूजन करें तो भगवान प्रसन्न होकर जातक के सभी कष्ट हर लेंगे। हिंदू पंचांग की मानें तो हर माह में शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत होता है। प्रदोष व्रत रखने वाले को भोले शंकर दीर्घ आयु और आरोग्यता का वरदान देते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कब पड़ रहा फरवरी में प्रदोष व्रत?
फरवरी में माघ माह का पखवाड़ा चल रहा है। इस माह शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 9 फरवरी की रात 7.25 बजे शुरू हो रही है, जो अगले दिन यानी 10 फरवरी की शाम 6.57 बजे खत्म हो जाएगी। चूंकि प्रदोष काल की पूजा रात में होती है, इसलिए 9 फरवरी को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा। बता दें कि जब-जब प्रदोष रविवार के दिन पड़ता है तो उसका नाम रवि प्रदोष हो जाता है। इस बार भी प्रदोष व्रत रविवार को पड़ रहा है, ऐसे में रवि प्रदोष व्रत कहा जा रहा है।
कौन से बन रहे योग और क्या है शुभ मुहूर्त?
जानकारी के लिए बता दें कि 9 फरवरी की रात 7.25 से 8.49 बजे तक प्रदोष पूजा मुहूर्त है, ऐसे में जातक को इसी समय पर पूजा करने से लाभ मिलेगा।
इस तिथि पर इस बार दो शुभ योग बन रहे हैं। पहला प्रीति योग और दूसरा त्रिपुष्कर योग, जो बेहद शुभ माना गया है। इस दौरान विष्कुम्भ योग का भी निर्माण हो रहा जो दोपहर 12:06 मिनट तक है। ऐसे में इस बार का प्रदोष व्रत बेहद फलदायी साबित हो सकता है।
पूजा विधि
प्रदोष व्रत कर रहे जातक को पहले एक चौकी लेकर उस पर शिव-पार्वती की तस्वीर और मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। फिर मूर्ति या शिवलिंग पर शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए और शिव जी को बेलपत्र और भांग चढ़ाएं। वहीं, मां पार्वती को फूल अर्पित करें। अब मूर्ति के पास दिया जलाएं और महादेव के मंत्रों का जप करें। अंत में पूजा के बाद प्रसाद आदि वितरित करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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