गोमा: पूर्वी कांगो के सबसे बड़े शहर गोमा और उसके आसपास के इलाकों में रवांडा समर्थित विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई में एक सप्ताह में 773 लोग मारे गए हैं। कांगो के अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी है। विद्रोहियों ने गोमा पर कब्जा कर लिया था और वह अन्य क्षेत्रों पर भी कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे, जिसे सेना ने काफी हद तक नाकाम कर दिया है। सेना ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कुछ गांवों पर नियंत्रण भी हासिल कर लिया है।
बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
कांगो सरकार के प्रवक्ता पैट्रिक मुयाया ने राजधानी किंशासा में संवाददाताओं को बताया कि 773 लोगों के मारे जाने और 2,880 लोगों के घायल होने की खबर है। घायलों का उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। विद्रोहियों की ओर से पानी, बिजली आपूर्ति सहित बुनियादी सेवाओं को बहाल करने का वादा किए जाने के बाद सैकड़ों गोमा निवासी शहर लौट आए हैं। शहर लौटने के बाद लोगों ने हथियारों के मलबे से अटे पड़े इलाकों को साफ किया।
कांगों की सेना के जवान
क्या बोले स्थानीय निवासी?
स्थानीय निवासी जीन मार्कस ने कहा, ‘‘मैं थक गया हूं और नहीं जानता कि कहां जाऊं। हर ओर सिर्फ मातम है।’’ जीन के एक रिश्तेदार की संघर्ष में मौत हो गई है। कांगो के खनिज-समृद्ध पूर्वी क्षेत्र पर कब्जा करने की होड़ में लगे 100 से अधिक हथियारबंद समूहों में ‘एम23’ सबसे ताकतवर है। इस क्षेत्र में खनिज का विशाल भंडार हैं। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के अनुसार, इस समूह को पड़ोसी देश रवांडा के सैनिकों का समर्थन प्राप्त है। (एपी)
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