मिलिए ऑस्ट्रेलिया के सबसे अमीर भारतीय से, ₹2500 से की थी शुरुआत

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Agency:News18Hindi

Last Updated:February 02, 2025, 17:29 IST

Success Story: ये कहानी विवेक चंद सहगल की है. भारत में जन्‍म ल‍िया और आज ऑस्‍ट्रेल‍िया के सबसे अमीर भारतीय हैं. व‍िवेक चंद, आज बहुत सफल हैं, लेक‍िन उन्‍होंने असफलताएं भी देखी हैं. जान‍िए क्‍या करते हैं व‍िवेक च...और पढ़ें

मिलिए ऑस्ट्रेलिया के सबसे अमीर भारतीय से, ₹2500 से की थी शुरुआत

व‍िवेक चंद सहगल ऑस्‍ट्रेल‍िया में भारतीय कारोबारी हैं.

हाइलाइट्स

  • विवेक चंद सहगल ऑस्ट्रेलिया के सबसे अमीर भारतीय हैं.
  • उन्होंने 2500 रुपये से शुरुआत कर 1,05,600 करोड़ रुपये की कंपनी बनाई.
  • मदरसन ग्रुप के को-फाउंडर विवेक चंद सहगल की संपत्ति 550 करोड़ डॉलर है.

नई द‍िल्‍ली. हर सफल व्‍यक्‍त‍ि कभी न कभी असफल जरूर होता है. यानी सफलता का सफर में फेल होने वाली सीढ़ी आती ही आती है. और यही पर आपका भाग्‍य आपकी परीक्षा लेता है. अगर आप फ‍िर भी रास्‍ते पर ट‍िके रहे तो सफलता कदम चूमेगी. अगर डर कर और न‍िराश होकर रास्‍ता बदल ल‍िया तो आप कामयाबी की ऊंचाई छूने से चूक जाएंगे. ज्‍यादातर लोग जब ब‍िजनेस शुरू करते हैं तो वो शुरू से यही सोच कर चलते है क‍ि उन्‍हें ब‍िजनेस में फायदा ही होगा. लेक‍िन ऐसा हमेशा नहीं होगा. पर जो लोग फ‍िर भी हार नहीं मानते और डटे रहते हैं, वो दुन‍िया में नाम बना लेते हैं.

ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले सबसे अमीर भारतीय विवेक चांद सहगल की कहानी (vivek chaand sehgal occurrence story) भी कुछ ऐसी है. व‍िवेक चंद, मदरसन ग्रुप के को-फाउंडर हैं. साल 1970 के दशक की उन्‍होंने स‍िर्फ 2,500 रुपये के मंथली इनकम से शुरुआत की थी और अब वो 1,05,600 करोड़ रुपये की सालाना बिक्री वाली कंपनी का नेतृत्व कर रहे हैं.  आइये व‍िवेक चंद सहगल (vivek chaand sehgal) के इस सफर के बारे में जानते हैं.

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नामी स्‍कूल और कॉलेजों से की पढ़ाई
व‍िवेक चंद का पर‍िवार द‍िल्‍ली कर रहने वाला था. उनका जन्‍म भी द‍िल्‍ली में ही हुआ 28 सितंबर 1956 को. वो एक जौहरी परिवार के थे, इसल‍िए पैसे की कभी कोई कमी नहीं थी. श‍िक्षा भी अच्‍छी जगहों से ली. उन्होंने पिलानी के बिरला पब्लिक स्कूल से स्कूल की शिक्षा पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया. ब‍िजनेस में उनका पहला कदम चांदी के व्यापार से शुरू हुआ, जहां उन्होंने एक बार एक किलोग्राम चांदी सिर्फ एक रुपये में बेची थी.

साल 1975 में, व‍िवेक चंद ने अपनी मां स्वर्ण लता सहगल के साथ मिलकर मदरसन कंपनी की स्थापना की, जो शुरू में चांदी का व्यापार करती थी. हालांकि, चांदी के ब‍िजनेस में जल्द ही गिरावट आ गई और ब‍िजनेस दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया. लेक‍िन व‍िवेक इस पर‍िस्‍थ‍ित‍ि में भी परेशान नहीं हुए और ना विचलित हुए. उन्‍होंंने एक नए क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया और वो था कार के पार्ट्स बनाने का ब‍िजनेस.

आज विवेक चांद सहगल मदरसन ग्रुप के सबसे जरूरी ह‍िस्‍से- संवर्धन मदरसन ग्रुप के प्रमुख हैं. यह कंपनी ऑटोमोटिव क्षेत्र में एक वैश्विक पावरहाउस के रूप में उभरी है, जो दुनिया के कुछ सबसे बड़े ऑटोमोबाइल निर्माताओं के लिए जरूरी कार पार्ट्स बनाती है.

विवेक चंद सहगल की कुल संपत्ति
फोर्ब्स ने जनवरी 2025 तक विवेक चंद सहगल की कुल संपत्ति 550 करोड़ डॉलर आंकी है. साल 2021 में, फोर्ब्स की भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में वे 49वें स्थान पर थे. व्यापार जगत में उनके योगदान के लिए उन्हें साल 2016 में भारत में प्रतिष्ठित EY एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड से नवाजा गया था.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

February 02, 2025, 17:29 IST

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