किसान प्याज की खेती में रखें इन बातों का ध्यान, विशेषज्ञ से जानें किस्में

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Last Updated:January 20, 2025, 14:39 IST

Cultivation of Onion : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के सह संचालक अनुसंधान डॉ धनंजय शर्मा का कहना है कि प्याज की पारंपरिक किस्मों के बजाय उन्नत किस्मों की खेती से पैदावार को दोगुना किया जा सकता है.

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प्याज

प्याज की खेती

रायपुर : छत्तीसगढ़ में कृषि का प्रमुख आधार धान की खेती है, लेकिन अब राज्य के किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए वैकल्पिक फसलों की ओर रुख कर रहे हैं. इन फसलों में प्याज की खेती भी तेजी से लोकप्रिय हो रही है. प्याज की बढ़ती मांग और इसकी खेती में संभावित लाभ ने किसानों को इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया है. छत्तीसगढ़ में प्रमुख रूप से रायपुर, दुर्ग, बालोद, राजनांदगांव और बस्तर जिलों में प्याज की खेती हो रही है. राज्य में हर साल करीब 2 लाख मीट्रिक टन प्याज का उत्पादन होता है, लेकिन यह मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है. प्याज का बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से आयात किया जाता है.

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार पारंपरिक किस्मों के बजाय उन्नत किस्मों की खेती से पैदावार को दोगुना किया जा सकता है. भीमा सुपर, भीमा रेड, भीमा वाइट जैसी उन्नत किस्में न केवल अधिक उत्पादन देती हैं बल्कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों को भी सहन करने में सक्षम हैं.

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के सह संचालक अनुसंधान डॉ धनंजय शर्मा ने बताया कि प्याज की उन्नत किस्में भीमा सुपर, भीमा रेड, भीमा वाइट यह तीनों किस्में छत्तीसगढ़ के जलवायु के लिए सबसे बेस्ट है. प्याज की खेती के दौरान किसान भाइयों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. अभी रोपाई का कार्य चल रहा है. प्रदेश के कई किसान प्याज की खेती के लिए रोपाई करना शुरू कर दिए हैं. रोपाई करने के बाद शुरुआत में पर्पल फ़फूंद जनित बीमारी ब्लॉच रोग न हो इसका ध्यान रखना चाहिए.

इसके अलावा जैसी ही हल्की गर्मी बढ़ेगी तो ऊपर में चूसने वाली कीट आने लगते हैं और ऊपर से ट्रांस्प्लांटिंग के बाद ड्राई होने लगते हैं उसे कटिंग करके निकाला जाता है. प्रैक्टिस के दौरान किसानों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है. यदि पर्पल ब्लॉच या अन्य बीमारी दिखती है तो तत्काल फफूंद नाशी दवा का इस्तेमाल करना चाहिए. छत्तीसगढ़ में रबी सीजन की प्याज की उत्पादन भरपूर होता है.  भीमा सुपर, भीमा रेड, भीमा वाइट यह तीनों किस्में गवर्मेंट सेक्टर की वैरायटी हैं. रबी सीजन के लिए रिकमेंड हैं. इनकी उत्पादन क्षमता लगभग 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है.

Location :

Raipur,Chhattisgarh

First Published :

January 20, 2025, 14:39 IST

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