गांव में सड़क नहीं, जैसे-तैसे गर्भवती अस्पताल पहुंची, डॉक्टर की सुनकर सदमे में

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Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:February 04, 2025, 13:03 IST

Balaghat News: बालाघाट के नक्सल प्रभावित एक इलाके से बेहद दुर्भाग्यपूर्ण मामला सामने आया है. यहां सड़क नहीं होने से एक गर्भवती महिला मां बनने से वंचित रह गई. ये मामला सरकारी व्यवस्था पर करारा तमाचा है.

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बालाघाट

बालाघाट में गर्भवती के साथ हो गई अफसोसजनक घटना.

बालाघाट: मध्य प्रदेश में नक्सल प्रभावित सोनगुड्डा से 15 किलोमीटर दूर केरोकोना गांव में आज भी सड़क नहीं है. इसका खामियाजा यहां के ग्रामीणों को आए दिन भुगतना पड़ता है. हाल ही एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने लोगों को द्रवित कर दिया. एक प्रसूता को प्रसव पीड़ा हुई.

एंबुलेंस बुलाई गई, लेकिन सड़क नहीं होने से वह गांव तक नहीं पहुंच सकी. ऐसे में ग्रामीणों ने प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को खाट पर लिटाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया. इसके बाद प्रसूता को नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोनगुड्डा ले जाया गया. वहां से भी उसे रेफर कर दिया गया. लेकिन, बाद में जो हुआ, वह बेहद दुखद था.

मायके में शुरू हुई पीड़ा
बालाघाट के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बिरसा तहसील का यह मामला है. यहां माहुरदल्ली गांव की इमला परते अपने मायके केराकोना में थी. यहां उनकी मां ही देखभाल करती थी. उनके पति भागचंद परते शहर से बाहर कमाई करने गए थे. जब रविवार 2 फरवरी को वह लौटे तो महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई है. ऐसे में परिजनों ने अस्पताल ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस बुलाई. लेकिन, गांव तक जानें के लिए सड़क ही नहीं है. ऐसे में आधा किलोमीटर तक प्रसूता को खाट पर ले जाया गया. महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोनगुड्डा ले जाया गया, जहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.

दो दिन पहले आते तो…
बालाघाट जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. निलय जैन ने बताया कि महिला फिलहाल सुरक्षित है. लेकिन, बच्चा नहीं बच सका. प्रसव पीड़ा शुरू होने से दो दिन पूर्व ही अस्पताल आ जाती तो बच्चे को बचा सकते थे. वहीं, बच्चे की गर्भ में ही मौत से परिवार का बुरा हाल है. प्रसूता को अस्पताल में जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं. फिलहाल, उन्हें 1 यूनिट खून चढ़ाया गया है. वह बेहतर स्थिति में हैं.

पति बोला..सुविधा नहीं मिली!
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के कई गांवों में अब भी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. खासतौर पर सड़क और नेटवर्क की बड़ी समस्या है. ऐसे में इमरजेंसी में किसी को फोन करना हो या चार पहिया वाहन बुलाना हो तो ये मुश्किल काम होता है. प्रसूता के पति भागचंद ने बताया कि सोनगुड्डा अस्पताल में जिला अस्पताल की तरह उचित सुविधाएं होतीं और बेहतर सड़क होती तो आज ऐसी नौबत नहीं आती.

Location :

Balaghat,Madhya Pradesh

First Published :

February 04, 2025, 13:03 IST

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गांव में सड़क नहीं, जैसे-तैसे गर्भवती अस्पताल पहुंची, डॉक्टर की सुनकर सदमे में

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