चने का खेत हो जाएगा खाली, इस रोग पर नहीं किया कंट्रोल,जानिए फसल बचाने के उपाय!

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Agency:Local18

Last Updated:January 21, 2025, 10:15 IST

Gram Crop Diseases Control Tips: चना की फसल में सूखा सड़न और ब्लाइट जैसी बीमारियां उत्पादन में कमी ला सकती हैं. बता दें कि ये रोग जड़ से शुरू होते हैं और पौधे को पीला करके सुखा देते हैं. कृषि विशेषज्ञ के अनुसार...और पढ़ें

चने का खेत हो जाएगा खाली, इस रोग पर नहीं किया कंट्रोल,जानिए फसल बचाने के उपाय!

चना की फसल के रोग

भावनगर: सौराष्ट्र क्षेत्र में सर्दियों के मौसम में गेहूं के अलावा चने की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. यह फसल कम सिंचाई और कम मेहनत में तैयार हो जाती है. साथ ही, पिछले कुछ वर्षों से चने के दाम अच्छे मिलने के कारण किसान इसकी ओर आकर्षित हुए हैं, लेकिन इस फसल में सूखारोग की समस्या (problem of drought) किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है, जिससे उत्पादन में भारी नुकसान होता है.

सूखारोग से कैसे प्रभावित होती है फसल?
बता दें कि चने की फसल में सूखारोग, जिसे जमीनजन्य रोग (soil borne diseases) माना जाता है, प्रमुख समस्या बनता जा रहा है. यह रोग जड़ों से शुरू होता है, जिससे जड़ें सूखने लगती हैं. धीरे-धीरे पौधा पीला पड़ता है और अंततः सूख जाता है. यह रोग मुख्य रूप से फफूंद के कारण होता है. सूखारोग का समय पर नियंत्रण नहीं किया जाए तो किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.

विशेषज्ञों का क्या कहना है?
महुवा कृषि अनुसंधान केंद्र के कृषि अधिकारी तरुणभाई मांडविया ने बताया कि चने की फसल का जड़ तंत्र (root strategy of chickpea crop) कमजोर होता है, जिससे यह नए-नए रोगों के प्रति संवेदनशील (Sensitive) हो जाती है. सूखारोग के कारण जड़ें पोषक तत्व और पानी को ठीक से ग्रहण नहीं कर पातीं. इससे पौधे की वृद्धि रुक जाती है और वह पीला पड़कर सूखने लगता है.

सूखारोग की पहचान कैसे करें?
बता दें कि अगर चने की फसल में सूखारोग लगा हो तो पौधे को खींचने पर उसकी जड़ें आसानी से नहीं निकलतीं.,लेकिन खींचने के बाद जड़ों को देखा जाए तो वे पीली और सड़ी हुई नजर आती हैं. यह सूखारोग का स्पष्ट संकेत है.

सूखारोग का नियंत्रण कैसे करें?

सिंचाई के दौरान सावधानी: सूखारोग को नियंत्रित करने के लिए ड्रिप इरिगेशन में फफूंदनाशक दवाओं का उपयोग करना चाहिए.
दवाओं का छिड़काव: ऊपर से फफूंदनाशक दवाओं का छिड़काव और ड्रेंचिंग करना प्रभावी होता है.
सिस्टमेटिक फफूंदनाशक का उपयोग: कृषि विशेषज्ञ सिस्टमेटिक दवाओं के उपयोग की सलाह देते हैं.
समय पर उपाय से बचाएं फसल

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चने की फसल को सूखारोग से बचाने के लिए समय पर सावधानी और सही तरीके से उपचार करना जरूरी है. अगर सही समय पर कदम उठाए गए तो किसानों को नुकसान से बचाया जा सकता है.

First Published :

January 21, 2025, 10:15 IST

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