नागपुर: महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे तो आपको पता चल ही गए होंगे. महाराष्ट्र में अब मुख्यमंत्री कौन होगा इसको लेकर भी बैठकों का दौर शुरू हो गया है. महाराष्ट्र में अगला सीएम देवेंद्र फणडवीस होंगे या फिर एकनाथ शिंदे एक बार दोबारा से शपथ लेंगे यह आज साफ हो जाएगा. पर महाराष्ट्र में इस बार चुनाव लड़ने वाले 4,136 उम्मीदवारों में से 3,515 यानी 85 फीसदी उम्मीदवारों की जमानत राशि भी जब्त हो गई, क्योंकि वह चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम वोट शेयर हासिल करने में असफल रहे. कुल मिलाकर चुनाव आयोग को जब्त जमानत राशि से ₹3.5 करोड़ की कमाई की है जो पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा है.
साल 2014 के चुनाव की बात करें तो 4,119 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था और 3,422 यानी 83.1 फीसदी उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त हो गई थी, जो ₹3.4 करोड़ थी. साल 2019 में 3,237 उम्मीदवारों में से 80.5 फीसदी ने अपनी जमानत राशि खो दी थी, जिसे आयोग को ₹2.6 करोड़ की कमाई हुई थी. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत यदि कोई उम्मीदवार अपने निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल वैध मतों का कम से कम एक-छठा हिस्सा प्राप्त करने में विफल रहता है, तो उसकी जमानत राशि जब्त कर ली जाती है. प्रत्येक विधानसभा चुनाव उम्मीदवार को ₹10,000 की जमानत राशि जमा करनी होती है, जबकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को ₹5,000 जमा करने होते हैं.
महाराष्ट्र में किसे हुआ सबसे ज्यादा नुकसान?
दो प्रमुख गठबंधनों में से, महाविकास अघाड़ी (MVA) को सबसे बड़ा नुकसान हुआ, जिसमें उसके उम्मीदवारों ने 22 सीटों पर जमानत राशि जब्त हो गई. कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अकेले 9 सीटों पर जमानत राशि खो दी. शिवसेना (UBT) ने 8 सीटों पर और एनसीपी (SP) ने 3 सीटों पर जमानत राशि जब्त हो गई. किसान और मजदूर पार्टी, जो MVA का हिस्सा है ने 2 सीटों पर जमानत राशि खो दी.
कहां हुई सबसे ज्यादा जमानत राशि जब्त
नासिक जिले में बड़े खिलाड़ियों के बीच सबसे अधिक जमानत राशि जब्त की गई. शिवसेना (UBT) की 2 सीटों पर, कांग्रेस की 3 सीटों पर और एनसीपी (SP) की 1 सीट पर जमानत राशि जब्त हुई. छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के मामले में मुंबई उपनगर में 261 और पुणे में 260 उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त की गई.
क्या भाजपा उम्मीदवार को जमानत राशि जब्त हुई?
दूसरी ओर, राज्य भर में किसी भी भाजपा उम्मीदवार की जमानत राशि जब्त नहीं हुई. हालांकि, एकनाथ शिंदे की शिवसेना के एक उम्मीदवार ने विदर्भ के दर्यापुर (अमरावती जिला) में अपनी जमानत राशि खो दी और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने महाराष्ट्र में 5 सीटों पर जमानत राशि खो दी. उसी जिले के मोर्शी निर्वाचन क्षेत्र में एक अनोखी स्थिति देखी गई जहां एनसीपी के दोनों गुटों ने अपनी जमानत राशि खो दी. कड़े मुकाबले में, भाजपा के उमेश यावलकर ने 99,683 वोट हासिल किए, जबकि एनसीपी के देवेंद्र भुयार और एनसीपी (SP) के गिरीश कराले क्रमशः 34,695 और 31,843 वोट ही हासिल कर सके, जो अनिवार्य सीमा से कम थे.
राज ठाकरे की सभी उम्मीदवारों की जमानत हुई जब्त, बस…
अन्य छोटे दलों के भी कई उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त हुई. VBA, BSP और MNS ने राज्यभर में लगभग सभी सीटों पर जमानत राशि खो दी. एक अपवाद था MNS के अमित ठाकरे, जिन्होंने महिम निर्वाचन क्षेत्र में हारने के बावजूद न्यूनतम सीमा को पार कर लिया था. नागपुर दक्षिण पश्चिम में देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय उम्मीदवार सचिन वाघाडे, जिन्होंने अपनी जमानत राशि खो दी पर उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ना हमारा संवैधानिक अधिकार है और हम इसमें भाग लेते हैं, क्योंकि हम अभी भी लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास करते हैं. जबकि मैं चुनाव आयोग की निष्पक्षता सुनिश्चित करने और फर्जी उम्मीदवारों को रोकने की आवश्यकता को समझता हूं. मेरा मानना है कि पूरी जमानत जब्त करने के बजाय, 25% राशि को बरकरार रखा जाना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 14:20 IST