Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:February 12, 2025, 15:47 IST
Jaipur Unique Way of Marriage: जयपुर में मुस्लिम धर्म के लोगों ने एक अनोखी पहल शुरू की है. जिससे शादियों में होने वाली फिजूलखर्ची को रोका जा सके. जयपुर के आदर्श नगर के निवासी मरहूम हाजी सलीमुद्दीन ने अपने पोते ...और पढ़ें
जयपुर में मुस्लिम समाज के लोगों ने शुरू की हैं अनोखी पहल.
हाइलाइट्स
- जयपुर में बिना फिजूलखर्ची के अनोखी शादी.
- मस्जिद में निकाह, मेहमानों को खजूर और शरबत.
- मेहर की रश्म में सिर्फ 11 हजार का खर्च.
जयपुर. राजधानी जयपुर के लोग अपने कामों से हर दिन नई-नई मिसाल पेश कर रहें हैं. बढ़ती मंहगाई के दौर में शादियों के सीजन में लाखों रूपए का खर्च होता हैं, लेकिन शादियों में होने वाले फिजूलखर्ची को रोकने के लिए जयपुर में मुस्लिम धर्म के लोगों ने एक अनोखी पहल शुरू की है. इससे शादियों में होने वाले दहेज, गार्डन और डिनर जैसे किसी भी प्रकार के फिजूलखर्ची के बिना शादी करने की अनोखी पहल शुरू की है. इस अनोखी पहल की शुरुआत कुरैशी समाज ने की है.
हाल ही में हुई एक शादी में सामान्य रूप से मस्जिद में निकाह कर मेहमानों की शरबत व खजूर से मेहमान नवाजी करते हुए बिना किसी खर्च के शादी की. आपको बता दें कि इस अनोखी शादी में दूल्हा व दुल्हन पक्ष के लोगों ने आपस में सहमति से यह शादी की, जिसमें किसी प्रकार की फिजूलखर्ची नहीं हुई. इस अनोखी पहल में सिर्फ सामान्य रूप से मस्जिद में मेहर की रश्म के साथ शादी की गई. इस अनोखी पहल के बाद अब अधिक से अधिक लोग इसी प्रकार से शादियां करेंगे, जिससे गरीब लोग शादियों के कर्ज़ ना डूबें रहें.
एडवोकेट ने की सिर्फ मेहर की रश्म से शादी
आपको बता दें कि जयपुर के आदर्श नगर के निवासी मरहूम हाजी सलीमुद्दीन ने अपने पोते एडवोकेट की शादी इस प्रकार की, जो मुस्लिम समाज में एक मिशाल बन गई है. आपको बता दें कि इस अनोखी शादी में सिर्फ मस्जिद में निकाह के बाद तमाम मेहमानों को खिजूर व शरबत पेश कर मेहमान नवाजी की गई. इस शादी में सिर्फ मेहर की रश्म में 11 हजार रुपए का खर्च हुआ. इस अनोखी शादी से मुस्लिम समाज में विशेष रूप से शादियों में फिजूलखर्ची पर पाबंदी लगाकर बच्चों की शिक्षा पर खर्च करने की अपील की गई. इस प्रकार से सामान्य शादियों की पहल जयपुर में काफी समय से चल रही है. ऐसी ही एक अनोखी शादी झोटवाड़ा निवासी छुट्टन कुरैशी ने अपनी बेटी शादी में की थी, जिसके बाद से जयपुर में बिना दहेज के साधारण तरीके से शादियों का आयोजन हो रहा है.
दहेज प्रथा को रोकने के लिए अनोखी पहल
शादी की इस अनोखी पहल को लेकर लोकल 18 ने जयपुर के मुस्लिम समाज के लोगों से बात की. मोहम्मद शदीक कुरैशी बताते हैं कि समाज में बढ़ती सामाजिक कुरीतियों के कारण कई लड़कियों की शादी समय पर नहीं होने के कारण उनके घर वाले परेशान रहते हैं. दिखावे के लिए कर्ज लेकर शादियां करते हैं, जिससे वह जीवनभर कर्ज के बोझ से दबे रहते हैं. इसलिए, इस अनोखी पहल से लोग अपने परिवार में सामान्य रूप से शादी कर समाज में अच्छा मैसेज दे सकते हैं. मोहम्मद शदीक कुरैशी बताते हैं कि शादियों में दिखावें के चक्कर में लोग लाखों रूपए की बर्बादी कर देते हैं. ऐसे ही दिखावे गरीब लोगों को भी दिखाना करना पड़ता हैं, जिसका एहसास उन्हें बाद में होता है.
Location :
Jaipur,Rajasthan
First Published :
February 12, 2025, 15:47 IST