आज हमारा देश 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर कर्तव्य पथ पर देश की संस्कृति और परंपराओं को प्रस्तुत करती आकर्षक झांकियां निकाली गईं। साथ में भारतीय सेना ने भी अपना पूरा दमखम दिखाया। आसमान से लेकर धरती तक, हर जगह भारतीय सेना ने अपनी ताकत का अहसास कराया। इस दौरान आकाश में राफेल विमान भी गरजा। आइए आपको कर्तव्य पथ पर दिखे भारतीय सेना के उन गौरवशाली और साहसिक प्रस्तुतियों की एक झलक दिखाते हैं।
दिल्ली में कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान भारतीय वायुसेना के राफेल ने 'विजय' फॉर्मेशन का प्रदर्शन किया।
भारतीय वायु सेना ने 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर फ्लाई-पास्ट प्रस्तुत किया। इस दौरान अर्जन फॉर्मेशन के साथ लड़ाकू विमान C-130 AC और C-295 AC 'विक' फॉर्मेशन में उड़ान भरा।
भारतीय वायु सेना ने कर्तव्य पथ पर फ्लाई-पास्ट प्रस्तुत किया। ICG के 3 डोर्नियर-228 एसी से युक्त रक्षक फॉर्मेशन के दृश्य।
दिल्ली में कर्त्तव्य पथ पर परेड के दौरान तीन सुखोई-30 विमानों ने त्रिशूल का निर्माण किया।
भारतीय वायुसेना ने कर्तव्य पथ पर फ्लाई-पास्ट प्रस्तुत किया, जिसमें 22 लड़ाकू विमान, 11 परिवहन विमान और 7 हेलीकॉप्टर सहित कुल 40 विमान शामिल थे। 3 अपाचे हेलीकॉप्टर के साथ दिखा अजय फॉर्मेशन का दृश्य।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर दिखी प्रलय हथियार प्रणाली, जिसे RCI, DRDO ने स्वदेशी तकनीक से बनाया है।
परेड के दौरान भारतीय वायु सेना बैंड 'साउंड बैरियर' धुन बजाता हुआ, साथ में भारतीय वायुसेना की टुकड़ी कर्तव्य पथ पर मार्च करती हुई।
ऊंट पर सवार BSF की टुकड़ी और साथ में मार्च पास्ट करती हुई NCC की टुकड़ी।
देश के विभिन्न हिस्सों से आए 51 पुरुष और 49 महिला संगीतकारों वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ब्रास बैंड ने दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान 'देश के हम हैं रक्षक' की धुन बजाई।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर सिख ली रेजिमेंट सेंटर, बिहार रेजिमेंट सेंटर और लद्दाख स्काउट्स रेजिमेंट सेंटर का संयुक्त बैंड, उसके बाद महार रेजिमेंट, उसके बाद जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट।
परेड के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट सिस्टम, बीएम-21 अग्निबाण, 122 मिमी मल्टीपल बैरल रॉकेट लॉन्चर, आकाश हथियार प्रणाली का प्रदर्शन किया गया।
कर्तव्य पथ पर पैदल सेना की टुकड़ी भारत की उन्नत सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए, जिसकी शुरुआत ऑल-टेरेन व्हीकल (ATV) 'चेतक' और स्पेशलिस्ट मोबिलिटी व्हीकल, 'कपिध्वज' से हुई, जिसे कठिन इलाकों, खासकर उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में युद्धाभ्यास के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके बाद लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल, बजरंग और व्हीकल माउंटेड इन्फैंट्री मोर्टार सिस्टम, ऐरावत हैं। परेड में आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत विकसित क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल (हैवी) 'नंदीघोष' और क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल (मीडियम) 'त्रिपुरांतक' भी शामिल हैं। ये स्वदेशी रूप से निर्मित बख्तरबंद वाहन गतिशीलता और सुरक्षा में उत्कृष्ट हैं और पहले से ही संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सेवा दे रहे हैं।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पहली सैन्य टुकड़ी 61 कैवलरी, जो विश्व की एकमात्र सक्रिय घुड़सवार सेना रेजिमेंट है, इसके बाद मुख्य युद्धक टैंक टी-90 भीष्म, तथा उसके बाद कर्त्तव्य पथ पर नाग मिसाइल प्रणाली (NAMIS) होगी।
(Source: DD NEWS/ANI)
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