Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:February 06, 2025, 15:40 IST
Paan ki Kheti: फरवरी में किसान पान के नए बरेजा तैयार करने में जुटे हैं. पान का बरेजा बनाने में डेढ़ महीने का समय लगता है, लेकिन अगर इसे आपको मालामाल बना है, तो फरवरी में ये तरीका अपनाएं.
हाइलाइट्स
- पान की खेती में डेढ़ महीने का समय लगता है।
- पान की बोवनी मार्च में की जाती है।
- पान की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है।
पान खेती. अगर आप पान की खेती में दिलचस्पी रखते हैं और जानना चाहते हैं कि पान को तैयार करने में कितनी मेहनत लगती है, कितना समय लगता है, कैसे तैयार किए जाते हैं? तो यह जानकारी आपके लिए ही है. क्योंकि छतरपुर जिले के महाराजपुर और गढ़ीमलहरा में बड़े पैमाने पर पान के नए बरेजा बनने शुरू हो गए हैं.
गढ़ीमलहरा के किसान तिलक (जग्गन) कुमार चौरसिया लोकल 18 से बातचीत में बताते हैं कि जनवरी से पान के नए बरेजा बनने शुरू हो जाते हैं. कुछ किसान फरवरी से भी शुरू करते हैं. लेकिन ज्यादातर किसान जनवरी से ही नए बरेजा बनाने शुरू कर देते हैं. क्योंकि इसमें समय और मेहनत दोनों लगती है.
इतने दिन में तैयार होता है नया बरेजा
किसान बताते हैं कि पान का नया बरेजा को तैयार होने में लगभग डेढ़ महीने का समय लगता है. पान का बरेजा बनाने से पहले सबसे पहले खेत को तैयार करना पड़ता है. इसके बाद बांस गाड़ते हैं. 1 बांस से 8 छोटे-छोटे बांस करने पड़ते हैं.
ऐसे की जाती है पान की बोवनी
किसान बताते हैं कि जब बांस से बरेजा तैयार कर लेते हैं तो इसके बाद पान की अंकुरित कलम की बोवनी करते हैं. कलम की बोवनी सामान्यता मार्च महीने में ही सभी किसान करते हैं. यह पान की कलम 3 महीने में तैयार हो जाती है. 3 महीने बाद इसमें पान आने शुरू हो जाते हैं. यही कलम आगे बेल बन जाती है. इस एक बेल में लगभग 50 पान आते हैं.
पान की खेती एक समय-साध्य और मेहनती प्रक्रिया है. इसमें पान के बरेजा को तैयार करने के लिए खेत को तैयार करना, बांस लगाना और पान की कलम बोवनी की जाती है. पान का उत्पादन तीन महीने बाद शुरू होता है, और इसे छतरपुर जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है.
Location :
Chhatarpur,Madhya Pradesh
First Published :
February 06, 2025, 15:40 IST
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