पीएम किसान की राशि बढ़ेगी या KCC लिमिट होगी 5 लाख, बजट से किसानों को बड़ी आस

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Last Updated:January 26, 2025, 11:27 IST

Budget 2025 Expecatation- ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ने से अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. भारत में अभी भी 45% वर्कफोर्स कृषि पर निर्भर है. ऐसे में कृषि और संबंधित गतिविधियों के लिए आवंटन बढने से अर्थ...और पढ़ें

पीएम किसान की राशि बढ़ेगी या KCC लिमिट होगी 5 लाख, बजट से किसानों को बड़ी आस

भारत में अभी भी 45% वर्कफोर्स कृषि पर निर्भर है.

नई दिल्ली. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट पेश करेंगी. बजट से समाज के सभी वर्गों को कुछ न कुछ राहत मिलने की उम्‍मीद है. किसान भी उम्‍मीद कर रहे हैं कि इस बजट में वित्‍त मंत्री उनके लिए भी अच्‍छी घोषणाओं का पिटारा खोलेंगी. बजट में किसान सम्‍मान निधि की राशि में इजाफा होने या फिर किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा के बढ़ने की संभावना है. वित्‍त मंत्री कृषि और संबंधित गतिविधियों के लिए आवंटन में करीब 15% की बढ़ोतरी कर सकती हैं. यह पिछले छह वर्षों में कृषि क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी वृद्धि होगी. बजट में सरकार का मुख्य फोकस ग्रामीण इलाकों में लोगों की आय बढ़ाने पर रह सकता है.

सूत्रों के मुताबिक कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन को बढ़ाकर 1.75 लाख करोड़ रुपये किया जा सकता है. यह पिछले वित्त वर्ष के 1.52 लाख करोड़ रुपये से काफी अधिक होगा. इस बढ़े हुए आवंटन का इस्‍तेमाल उच्च उपज वाले बीज विकसित करने, भंडारण क्षमता बढ़ाने कृषि ऋण और ग्रामीण इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने पर किया जाएगा. विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ने से अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. भारत में अभी भी 45% वर्कफोर्स कृषि पर निर्भर है. ऐसे में यह कदम ग्रामीण विकास और आर्थिक मजबूती के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.

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दलहन, तिलहन और डेयरी उत्पादों पर जोर
मनीकंट्रोल पर सूत्रों के हवाले से प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार का लक्ष्य दलहन, तिलहन, सब्जियों और डेयरी उत्पादों के उत्पादन को बढ़ाना है. कृषि मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ने इस पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि सरकार कृषि क्षेत्र में रिसर्च और विकास पर भी अधिक खर्च करना चाहती है. वर्तमान में बीजों की नई किस्मों पर रिसर्च के लिए 9,941 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं.

भारत चावल, गेहूं और चीनी उत्पादन में दुनिया में दूसरे स्थान पर है. इसके बावजूद देश में खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे आम जनता, विशेष रूप से गरीब वर्ग को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकार ने गेहूं और अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात पर रोक लगाई है और दालों के कुछ प्रकारों के ड्यूटी-फ्री आयात की अवधि बढ़ा दी है.

2030 तक 80 अरब डॉलर एक्सपोर्ट का लक्ष्य
सरकार घरेलू आपूर्ति के साथ-साथ कृषि उत्पादों के निर्यात को भी बढ़ाना चाहती है. वर्तमान में भारत 50 अरब डॉलर के कृषि उत्पादों का निर्यात करता है, जिसे 2030 तक 80 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है.

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New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

January 26, 2025, 11:27 IST

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