भारत में काफी चर्चित रही दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल का फुल ऑपरेशन 2025 के मध्य तक शुरू हो जाएगा। यह पूरा प्रोजेक्ट 82 किलोमीटर का है। इस बात की जानकारी भारत की पहली क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सेवा (आरआरटीएस) का संचालन और रखरखाव करने वाली कंपनी डॉयचे बान के सीईओ निको वारबानॉफ ने दी है। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट को लेकर वारबानॉफ ने कहा कि यह प्रोजेक्ट भविष्य के प्रोजेक्ट्स के लिए एक मिसाल साबित होगा।
फिलहाल 55 किलोमीटर तक है सेवा
खबर के मुताबिक, डॉयचे बान के सीईओ निको वारबानॉफ ने कहा कि मौजूदा समय में हम 55 किलोमीटर का ऑपरेशन कर रहे हैं। पूरे कॉरिडोर का ऑपरेशन साल 2025 के मध्य तक शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि भारत में रीजनल रैपिड रेल और मेट्रो परियोजनाएं देश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हैं। दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर उपमहाद्वीप में भविष्य की आरआरटीएस प्रोजेक्टस के लिए एक मॉडल के तौर पर काम करेगा। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को नमो भारत के नाम से भी जाना जाता है।
हाल ही में बढ़ाई गई है सेवा
इसी महीने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के परिचालन खंड पर नमो भारत सेवाओं को साहिबाबाद नमो भारत स्टेशन से न्यू अशोक नगर नमो भारत स्टेशन तक बढ़ा दिया गया है। नमो भारत सेवाएं 5 जनवरी, 2025 को शाम 5 बजे से दिल्ली के न्यू अशोक नगर से उत्तर प्रदेश के मेरठ साउथ तक उपलब्ध हैं।
क्या है खास
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलती है। सभी निर्धारित स्टॉप पर इसकी औसत गति 90 किमी प्रति घंटा है। रैपिड रेल ट्रेन में वातानुकूलित कोच, सामान रखने की रैक, डिवाइस चार्जिंग पॉइंट, आरामदायक 2x2 ट्रांसवर्स सीटिंग, सीसीटीवी निगरानी और बहुत कुछ है। हर रैपिड रेल ट्रेन में एक प्रीमियम कोच है जिसमें कई अतिरिक्त यात्री-अनुकूल सुविधाएं हैं जैसे कि रिक्लाइनिंग सीटें, कोट हुक, मैगज़ीन होल्डर और फुटरेस्ट आदि। प्रीमियम कोच हर ट्रेन में दिल्ली से मेरठ की ओर जाने वाला पहला कोच है, और मेरठ से दिल्ली की ओर जाने वाला आखिरी कोच है।