Last Updated:January 11, 2025, 15:58 IST
हिन्दू शास्त्रों में पाप-पुण्य से जुड़ी कई मान्यताएं मिलती हैं. जिसमें की जितना पुण्य का फल मिलने का वर्णन मिलता है तो वहीं दूसरी तरफ कैसे पाप करने से कौन सा दंड भोगना पड़ता है.
Premanand Ji Maharaj: हिन्दू धर्म में पाप-पुण्य का बेहद महत्व माना गया है. लेकिन हम इंसानों से कई बार जाने-अनजाने में ऐसी गलतियां या पाप हो जाते हैं जिन्हें हम नहीं करना चाहते और फिर उसके बारे में हमें बार-बार सोचकर दुख होता है. वहीं गलतियों व जाने अनजाने में हुए पापों के बारे में प्रेमानंद महाराज ने कई बातें बताई हैं. तो विस्तार से आइए जानते हैं…
प्रेमानंद जी महाराज के पास कई लोग ऐसे ही मन में उत्पन्न प्रश्नों को लेकर आते हैं और महाराज जी के उत्तर से अपने जीवन में और आध्यात्मिक रास्ते में आगे बढ़ने की प्रेरणा लेते हैं. महाराज भी अपने प्रवचन के दौरान भक्तों के प्रश्नों को बहुत गंभीरता के साथ सुनते हैं और उत्तर से भक्तों का मन शांत कर देते हैं. तो इसी तरह जानते हैं जाने-अनजाने में हुई गलती के बारे में क्या कहते हैं प्रेमानंद जी महाराज.
ऐसे पाएं अनजाने में हुए पापों से छुटकारा
प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि, अगर किसी व्यक्ति से जाने-अनजाने में कोई पाप हुआ है तो ऐसे में आप भगवान से प्रार्थना करें कि आपके पाप नष्ट हो जाएं. क्योंकि महाराज जी का कहना है कि व्यक्ति के हर प्रकार के पापों को नष्ट करने की श्रमता शिव जी में है और अगर कोई शिव की शरण में चला गया तो उसे पापों से मुक्ति मिल सकती है.
आगे प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि, अगर हमें ज्ञात हो गया है कि हमने पाप हुआ है और उसका पश्चाताप है तो राम-राम, हरी-हरी का जाप करते रहना चाहिए. भगवान के नाम का ज्यादा से ज्यादा जाप करना ही, व्यक्ति को इस समस्या से बाहर निकाल सकता है. ऐसा करने से भगवान की कृपा एक दिन आप पर जरूर होगी और आप अपने पापों से छुटकारा पा लेंगे.
महाराज कहते हैं कि व्यक्ति को भगवान से हमेशा प्रार्थना करना चाहिए कि उसके द्वारा किये गए कुकर्मों के लिए उसे माफी मिल जाए. फिर एक दिन ऐसा जरुर आएगा की भगवान आपके मन से आपके द्वारा किए गए पापों की स्मृति को मिटा देंगे और आप पापों को भूल जाएंगे.