वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को केंद्रीय बजट पेश किया, जिसकी खूब चर्चा हो रही है। बजट पेश करने से पहले सबकी निगाहें वित्त मंत्री की साड़ी और आउटफिट पर टिकी थीं। उन्होंने ऑफ व्हाइट साड़ी पहनी थी जो कई मायनों में खास थी। साड़ी पर मधुबनी आर्ट उकेरा हुआ था। उन्होंने इस साड़ी को लाल ब्लाउज की मैचिंग के साथ पहना था और साथ में ऑफ व्हाइट शॉल भी ले रखा था। तो पहले इस साड़ी की खास बात,क्योंकि इसका संबंध बिहार से है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को यह साड़ी पद्मश्री पुरस्कार विजेता दुलारी देवी ने उपहार में दी थी। यह साड़ी पहनकर जब वित्त मंत्री निकलीं तभी लगा था कि इस बार दुलारी देवी का यह उपहार बिहार, खासकर मिथिलांचल के लिए खास होने वाला है और यही हुआ भी।
मधुबनी आर्ट की खासियत
मधुबनी पेंटिंग, जिसे मिथिला पेंटिंग भी कहते हैं, यह बिहार के मिथिलांचल इलाके की खास परंपरागत कला शैली है जिसकी विदेशों में भी मांग है। इसमें चमकीले रंगों का प्रयोग किया जाता है और महीन महीन रेखाओं से भरे रंग बिरंगे रेखाचित्र जिसमें प्रकृति और मिथिला की संस्कृति की छाप दिखती है। पेंटिंग की यह शैली काफी पुरानी है जो पारंपरिक रूप से महिलाओं द्वारा की जाती रही है, हालांकि आजकल पुरुष भी इसे बनाते हैं।
इस पेंटिंग की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे बनाने के लिए प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे, हल्दी से पीला रंग, चावल के पाउडर से सफ़ेद रंग, पत्तियों से हरा रंग, नील से नीला, कुसुम के फूल या लाल चंदन से लाल रंग, और पलाश के पेड़ से प्राप्त टेसू के फूल से नारंगी रंग तैयार किया जाता है। इस पेंटिंग में प्राकृतिक दृश्य, देवी-देवता, राम सीता, शिव पार्वती, राधा कृष्ण के साथ ही सूर्य, चंद्रमा, तुलसी जैसे धार्मिक पौधे और शादियों में होने वाले मांगलिक रस्मों को चित्रित किया जाता है।
बिहार को क्या क्या मिला उपहार
बिहार को काफी समय से विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठती रही है लेकिन उस मांग को केंद्र सरकार ने अबतक स्वीकृति तो नहीं दी है लेकिन इस बार के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार के लिए सात बड़ी घोषणाएं कीं।
मखाना बोर्ड की स्थापना-इससे मखाना की खेती से जुड़े किसानों एवं श्रमिकों की आमदनी में वृद्धि होगी। साथ ही प्रसंस्करण कंपनियों को भी काम एवं दाम का लाभ मिलेगा।
कोसी नहर परियोजना-वर्षों से लंबित पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के उद्धार के लिए केंद्र सरकार ने वित्तीय मदद का वादा किया है। इससे मिथिलांचल को मदद मिलेगी।
पटना एयरपोर्ट का विस्तार-बिहटा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण की घोषणा के साथ ही पटना एयरपोर्ट के विस्तार का भी वादा किया गया है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलाजी एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट की घोषणा-बिहार के किसानों को उनकी उपज के उचित दाम मिलेंगे और उनकी दशा में सुधार होगा। साथ ही कृषि क्षेत्र में हजारों की संख्या में रोजगार का भी सृजन होगा।
आईआईटी के लिए बड़े एलान- पटना स्थित आईआईटी का विस्तार। यहां छात्रावास समेत अन्य तरह की अवसंरचना का विकास होगा।
किसान क्रेडिट कार्ड लोन सीमा में वृद्धि- केसीसी की लोन सीमा में वृद्धि का फायदा बिहार के किसानों को भी मिलेगा। बिहार में अभी 40 लाख से अधिक किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड है।
दिल्ली के बाद बिहार का चुनाव, नीतीश की खुशी जरूरी
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन की सरकार है जिसमें जद (यू) और भाजपा मुख्य घटक हैं। कहा जा रहा है कि बिहार में इसी साल नवंबर में चुनाव हो सकते हैं और इसे देखते हुए ही केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने राजनीतिक रूप से इस महत्वपूर्ण राज्य के लिए बड़ी सौगातों की घोषणा की है। पिछले साल आम चुनाव में बहुमत के आंकड़े से पीछे रहने के बाद केंद्र सरकार के इस बजट में बिहार को खास तवज्जो देने को भाजपा के जदयू को बिहार में महत्वपूर्ण समर्थन की पृष्ठभूमि में देखा जाना चाहिए।
बिहार में जरूरी है नीतीश का साथ
बिहार के सीएम नीतीश कुमार, जिन्होंने कई बार दल बदल किया है और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कई सालों से विराजमान हैं। चुनाव से पहले उनके एक बार फिर से दल बदलने की अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं और ऐसे में एनडीए की मजबूती के लिए नीतीश का भाजपा के साथ रहना, बिहार के लोगों को खुश करना सबसे ज्यादा जरूरी है। ऐसा इसलिए भी कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से जदयू ने 2024 के लोकसभा चुनाव में 12 सीटें हासिल कर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है और लोकसभा चुनाव में भाजपा बहुमत से दूर रही और उसने नीतीश की जेडीयू और एन चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी का समर्थन लेकर केंद्र में सरकार बनाई है।
नीतीश सबके हैं....भाजपा जानती है खुश करना
भाजपा नीतीश का मिजाज जानती है और बिहार विधानसभा में अपनी बेहतर स्थिति भी चाहती है, इससे पहले वह बिहार के लोगों और उनके मुखिया नीतीश कुमार को खुश करने की कवायद में लग गई है। बजट में बिहार का खास ध्यान रखना इस बात का संकेत है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में बिहार में भाजपा अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है जो नीतीश कुमार के साथ के बिना संभव नहीं है। दिल्ली के चुनाव के बाद बिहार के चुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी और उसकी पटकथा की शुरुआत इस बजट की सौगात से हो चुकी है।